आरएसएस का काम भाईचारे को तोड़ना और समाज को विभाजित करना है : मनोज पांडे

रांची, 26 सितंबर . झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से आरएसएस को लेकर दिए गए विवादित बयान पर सियासी बयानबाजियां तेज हो गई हैं. एक तरफ भाजपा के नेता उनके बयान पर कड़ा ऐतराज जता रहे हैं तो दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता सीएम सोरेन के बयान का समर्थन कर रहे हैं.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि हमारे नेता ने आरएसएस के बारे में जो कहा है, वह सही तो है. आरएसएस के लोग चूहों की तरह ही हैं, वह समाज को कुतरने का काम करते हैं. उन्होंने सवाल करते हुए कहा, “राष्ट्र निर्माण में उनकी कोई भूमिका है क्या”.

उन्होंने कहा कि स्वाधीनता संग्राम में भी आरएसएस की कोई भूमिका नहीं है. आरएसएस भाईचारा को तोड़ने और समाज को विभाजित करने का प्रयास करती है. वह कहीं ना कहीं शांति में खलल डालते हैं. उनकी मंशा सिर्फ इतनी है कि धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करके अपने राजनीतिक आकाओं को फायदा पहुंचाएं.

उन्होंने आगे कहा कि एक समय ऐसा भी था, जब आरएसएस पर प्रतिबंध लगा था. उनका चाल, चरित्र और चेहरा समाज विरोधी है. हमारा मानना है कि इन्होंने कोई सकारात्मक काम नहीं किया है.

बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घुसपैठिए वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा था, “मैं उनको कहना चाहूंगा कि जाकर भारत सरकार का आंकड़ा निकाल कर देख लें कि कौन से जिला, कौन से राज्य में, किस तरह से आंकड़ों में बदलाव हुआ है. जहां लोग एक साथ अमन चैन से रहते हैं, वह इनको अच्छा नहीं लगता है, जहां-जहां लोग लड़ते हैं, वहां उनकी राजनीतिक रोटी पकती है.

उन्होंने आगे कहा था कि आरएसएस के लोग चूहे की तरह घुसकर हमारे समाज को तोड़ने का काम करते हैं. जब हमारे एक नेता हमारी पार्टी में थे, तो वह 1932 की बात करते थे, स्थानीयता की बात करते थे, लेकिन भगवा होते ही उनकी भाषा भी बदल गई है. इन्हें भी आप लोगों को पहचानने की जरूरत है ताकि आने वाले चुनाव में हमारे लोगों से कोई गलती ये लोग ना करा सकें, इन्हें करारा जवाब देना है”

पीएसके/एफजेड