नैरोबी, 26 सितंबर . केन्या के उप राष्ट्रपति रिगाथी गचागुआ ने बुधवार को अफ्रीकी देशों के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था द्वारा प्रस्तुत विशाल अवसरों को अनलॉक करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और रोजगार पैदा करने और सेवा वितरण को बढ़ाने की इसकी क्षमता पर भी प्रकाश डाला.
केन्या की राजधानी नैरोबी में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ साइंस पार्क एंड एरियाज ऑफ इनोवेशन (आईएएसपी) विश्व सम्मेलन के 41वें संस्करण में बोलते हुए गचागुआ ने अफ्रीका से अपनी जनसंख्या का लाभ उठाने और डिजिटल भविष्य प्राप्त करने के लिए स्मार्ट नीतियों को लागू करने का आग्रह किया.
गचागुआ ने कहा, “हमारे महाद्वीप में युवाओं के नवाचारों और उद्यमशीलता की भावना का लाभ उठाकर एक वैश्विक प्रौद्योगिकी महाशक्ति बनने की क्षमता है. यह जनसांख्यिकी ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को शक्ति प्रदान कर रही है.”
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 24 से 27 सितंबर तक आयोजित 41वां आईएएसपी सम्मेलन “जनसांख्यिकी, उद्यमिता और प्रौद्योगिकी: भविष्य की अर्थव्यवस्थाओं की सीमाओं को परिभाषित करना” विषय पर केंद्रित है.
इसने नीति निर्माताओं, उद्योग अधिकारियों, नवप्रवर्तकों, नियामकों और विद्वानों सहित 50 देशों के 1,500 से अधिक प्रतिनिधियों को एक साथ लाया है, ताकि यह चर्चा की जा सके कि उभरती प्रौद्योगिकियां अर्थव्यवस्थाओं को कैसे बदल सकती हैं. जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा दे सकती हैं और संयुक्त राष्ट्र 2030 के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकती हैं.
गचागुआ ने अफ्रीका के डिजिटल परिवर्तन का समर्थन करने, समावेशी विकास और कृषि, विनिर्माण, स्वास्थ्य, परिवहन और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की जलवायु-प्रूफिंग के लिए केन्या की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला.
उन्होंने केन्या में 1,400 वार्डों में 100,000 किमी फाइबर ऑप्टिक केबल की स्थापना और डिजिटल हब की स्थापना को ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया, जिसके लाभ पूरे महाद्वीप में गूंजने की उम्मीद है.
उन्होंने अफ्रीकी देशों से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ब्लॉकचेन, क्लाउड कंप्यूटिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तेजी लाने का आह्वान किया, जिनमें अर्थव्यवस्थाओं को नया आकार देने और कार्यस्थल उत्पादकता बढ़ाने की क्षमता है.
गचगुआ ने अनुसंधान और विकास, प्रशिक्षण के साथ-साथ रणनीतिक निवेश की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, “2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का योगदान 15.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, केन्या और अफ्रीका के पास इस तकनीक का एक हिस्सा होना चाहिए.”
गचागुआ का मानना है कि मजबूत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार केंद्र विकसित करके अफ्रीका गरीबी, भूख, युवा बेरोजगारी, बीमारी और पर्यावरणीय संकट जैसे स्थानीय मुद्दों से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में होगा.
आईएएसपी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एब्बा लुंड ने कहा कि डिजिटल उपकरणों का लाभ उठाने से अफ्रीकी देशों को समृद्ध व समावेशी भविष्य के लिए मदद मिल सकती है.
–
एसएचके/