कपूरथला, 25 सितंबर . कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री स्टेडियम में 9 से 11 अक्टूबर 2024 को देशभर से करीब 200 पहलवान जुटेंगे जो 65वी अखिल भारतीय अंतर रेलवे ग्रीको रोमन/फ्री स्टाइल कुश्ती चैंपियनशिप में अपना दमखम दिखाएंगे. इनमें 50 से अधिक पहलवान ओलंपियन, विश्व कुश्ती चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों सहित विभिन्न विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन करने वाले भी शामिल होंगे.
दंगल फिल्म के लिए आमिर खान और अन्य कलाकारों को कुश्ती में पारंगत करने वाले रेलवे के मुख्य टिकट निरीक्षक इंदौर के कृपाशंकर पटेल को रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड (आरएसपीबी) ने तकनीकी अधिकारी नियुक्त किया है. रेलवे ने अपने काबिल कुश्ती कोच की लिस्ट में उन्हें शामिल करते हुए सेवाएं लेने का फैसला किया है. रेलवे बोर्ड ने 65वी अखिल भारतीय अंतर रेलवे कुश्ती चैम्पियनशिप के लिए कृपाशंकर को ‘जूरी अपील’ व वजन-ड्रॉ प्रभारी नियुक्त कर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है.
रेलवे कुश्ती चैंपियनशिप 2024-25 को आसानी से संचालित करने के लिए रेलवे बोर्ड ने अपने सर्वश्रेष्ठ निर्णायकों और विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है.
रेलवे कुश्ती चैम्पियनशिप को जवाबदेह बनाने और तकनीकी कार्य में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड ने 5 सदस्यों की एक जूरी का गठन किया है, जिसमें इंदौर के अर्जुन अवॉर्डी पहलवान कृपाशंकर पटेल, ओलंपियन पप्पू यादव (पश्चिम रेलवे) के अलावा अर्जुन अवॉर्डी काका पवार (मध्य रेलवे), चंद्रविजय (उत्तर पूर्वी रेलवे) और संजय कुमार (उत्तर रेलवे) को शामिल किया है.
जूरी के पांचों सदस्यों की जिम्मेदारी प्रतियोगिता में किसी भी तरह के विवाद को तकनीकी रूप से हल करने के लिए होगी. कुश्ती चैम्पियनशिप को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए के लिए दक्षिण एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पूर्व पहलवान अंतरराष्ट्रीय रेफरी रविंद्र कुमार (पश्चिम मध्य रेलवे) व सत्यदेव मलिक (पश्चिम रेलवे) को उप प्रतियोगिता निदेशक और प्रतियोगिता निदेशक के रूप में नियुक्त किया है.
रेलवे बोर्ड के खेल अधिकारी प्रवीण कुमार, जो खुद एक अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी रह चुके हैं ,को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. प्रवीण कुमार ने बताया कि देश के सबसे बेहतर व सर्वश्रेष्ठ पहलवान रेलवे के पास हैं. जब सबसे सर्वश्रेष्ठ पहलवानों का मुकाबला आपस में होता है तो ऐसे में निर्णायकों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है उनके लिए सही व सटीक निर्णय लेना एक चुनौती बन जाती है. इसके लिए रेलवे बोर्ड ने अपने विशिष्ट निर्णायको और विशेषज्ञों को चुना है.
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