भारत में मार्च 2027 तक संगठित गोल्ड लोन का मार्केट बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा: रिपोर्ट

मुंबई, 25 सितंबर . बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा दिए जाने गोल्ड लोन का बाजार चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये हो हो सकता है और मार्च 2027 तक यह बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है. बुधवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की ओर से कहा गया कि गोल्ड ज्वेलरी समर्थित कृषि लोन में बैंकों की बाजार हिस्सेदारी अधिक है. मार्च 2024 में कुल गोल्ड लोन बुक में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत थी. मार्च 2019 में यह आंकड़ा 54 प्रतिशत पर था. हालांकि, इस अवधि में एनबीएफसी और प्राइवेट बैंकों की बाजार हिस्सेदारी में हल्की नरमी देखने को मिली है.

वित्त वर्ष 25 में एनबीएफसी की गोल्ड लोन बाजार में हिस्सेदारी बढ़कर 17 से 19 प्रतिशत हो सकती है.

हाल के कुछ समय में एनबीएफसी गोल्ड लोन में वृद्धि का ट्रेंड अन्य लोन उत्पाद जैसे माइक्रो-फाइनेंस, पर्सनल लोन आदि से प्रभावित हुआ है जो समान कैटेगरी को टारगेट करते हैं.

रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 20 से 24 के बीच संगठित गोल्ड लोन बाजार 25 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ा था. इस दौरान बैंकों की गोल्ड लोन बुक 26 प्रतिशत के सीएजीआर और एनबीएफसी गोल्ड लोन बुक 18 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ी .

वित्त वर्ष 20 से लेकर वित्त वर्ष 24 के बीच बैंकों में गोल्ड ज्वेलरी से समर्थित कृषि लोन की 26 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ी थी. वहीं, रिटेल गोल्ड लोन 32 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़े थी. इसकी वजह छोटे आधार का होना है.

आईसीआरए के मुताबिक, एबीएफसी की ग्लोड लोन बुक वित्त वर्ष 25 में 17 से 19 प्रतिशत से बढ़ सकती है. वहीं, वित्त वर्ष 26 से वित्त वर्ष 27 से बीच इसके 14 से 15 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ने का अनुमान है.

एबीएस/