नई दिल्ली, 24 सितंबर . साल था 2004… सिनेमाघरों में एक फिल्म रिलीज हुई. इसकी लोकप्रियता ऐसी कि थिएटर के बाहर दर्शकों कीलंबी-लंबी कतारें लग गईं. इस फिल्म का नाम था ‘वीर जारा’. इसमें लीड रोल में थे शाहरुख खान और प्रीति जिंटा. जितनी ग्रैंड ये फिल्म थी, उतनी ही ग्रैंड थी इसकी स्टार कास्ट. चाहे वो अमिताभ बच्चन हों या हेमा मालिनी या फिर रानी मुखर्जी या मनोज वाजपेयी. ये ऐसे नाम थे, जो किसी परिचय के मोहताज नहीं थे, लेकिन इन सबके बीच एक ऐसा नाम भी था, जो उस वक्त फिल्म इंडस्ट्री में जाना-पहचाना नहीं था.
हम बात कर रहे हैं एक्ट्रेस दिव्या दत्ता की, जिन्होंने ‘वीर जारा’ में शब्बो का किरदार निभाया था. भले ही वह इस फिल्म में सपोर्टिंग एक्टर की भूमिका में थीं, लेकिन इस फिल्म ने ‘वीर जारा’ की शब्बो को नेशनल लेवल पर पहचान दिलाई. दिव्या अपनी बेहतरीन अदाकारी के दम पर दर्शकों और फिल्म क्रिटिक्स का ध्यान खींचने में कामयाब रहीं.
25 सितंबर 1977 को पंजाब के लुधियाना में जन्मीं दिव्या दत्ता के पिता ने बहुत जल्दी उनका साथ छोड़ दिया था. हालांकि, उनकी मां नलिनी दत्ता ने अकेले ही उनका और उनके भाई का पालन पोषण किया. दिव्या एक ऐसे परिवार से आती हैं, जिनका नाता मेडिकल क्षेत्र से था. उनकी मां एक डॉक्टर हैं, लेकिन दिव्या ने कुछ अलग करने की ठानी और इसी वजह से उन्होंने एक्टिंग को अपने प्रोफेशन के रूप में चुना. मुंबई आने से पहले वह मॉडलिंग करती थीं और उन्होंने कई एड में भी काम किया.
दिव्या दत्ता ने साल 1994 में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत फिल्म “इश्क में जीने को जी लेते हैं” से की थी. इसके अगले साल ही 1995 में उन्होंने सलमान खान के साथ फिल्म ‘वीरगति’ की, जिसमें वह लीड एक्ट्रेस थीं, मगर ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई. इसके बाद दिव्या ने फिल्मों में सपोर्टिंग एक्ट्रेस के तौर पर काम करना शुरू कर दिया. हालांकि, उन्हें पहचान मिली साल 1999 में आई रोमांटिक ड्रामा फिल्म ‘शहीद-ए-मोहब्बत बूटा सिंह’ से, जो एक पंजाबी फिल्म थी, उनके साथ मुख्य किरदार में गुरदास मान थे.
दिव्या को उनकी एक्टिंग के लिए तारीफ मिली. इसके बाद उन्हें ‘वीर जारा’ में निभाए शब्बो के किरदार के लिए भी सराहा गया. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में ‘इश्क में जीना-इश्क में मरना’, ‘सुरक्षा’, ‘छोटे सरकार’, ‘राम और श्याम’, ‘राजा की आएगी बारात’, ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘ट्रेन टू पाकिस्तान’, ‘बागबां’, ‘उमराव जान’, ‘आजा नच ले’, ‘ओह माई गॉड’, ‘दिल्ली 6’, ‘स्टैनली का डब्बा’, ‘हीरोइन’, ‘स्पेशल 26’, ‘लूटेरा’, ‘भाग मिल्खा भाग’, और बदलापुर जैसी फिल्में की. इसमें उनके निभाए किरदारों को काफी सराहा गया.
एक्टिंग के लिए दिव्या को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया. इनमें फिल्मफेयर, आइफा और जी सिने अवॉर्ड भी शामिल हैं. उन्हें फिल्म ‘इरादा’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड भी मिला.
दिव्या दत्ता के एक्टिंग करियर में कई चुनौतियों आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उनकी मेहनत ने उन्हें फिल्म जगत में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया. आज दिव्या दत्ता फिल्म जगत की एक जानी-मानी अभिनेत्री हैं. वह हर एक स्ट्रगलिंग एक्टर-एक्ट्रेस के लिए प्रेरणा हैं.
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