योगी आदित्यनाथ सीएम होकर, विपक्ष की भाषा बोल रहे हैं : मनीष हिंदवी

लखनऊ, 24 सितंबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में आए दिन खानपान की चीजों में गंदगी मिलाने वाली खबरों पर संज्ञान लेते हुए सख्त जांच के आदेश देते हुए कहा कि ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री के इस बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष हिंदवी ने उन पर विपक्ष की तरह भाषा बोलने का आरोप लगाया है.

उन्होंने बात से करते हुए कहा, “सवाल मुख्यमंत्री के आदेश देने का नहीं है, सवाल यह है कि सीएम योगी आठ साल सत्ता में रहने के बाद भी विपक्ष की भाषा क्यों बोल रहे हैं? उनको यह समझना होगा कि वह मुख्यमंत्री हैं. उनकी सरकार के सात साल पूरे हो गए हैं. आठवां शुरू हो गया. वह सत्ता में हैं और अभी भी वह कह रहे हैं कि जांच कराई जाएगी. ऐसा नहीं होना चाहिए. आपको कार्रवाई करने से रोका किसने? प्रशासन आपका है. पुलिस आपकी, सिस्टम आपका. आप अपराधियों को पकड़ो. आप उनको सजा दिलाइए किसने रोका?”

उन्होंने आगे कहा कि बात यह है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह से विफल हो गए हैं. एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में अपराध घटने के बजाय बढ़ गए हैं. वहीं यह आपराधिक भाषा प्रयोग करते रह गए. मार डालो, ठोक डालो, मिट्टी में मिला देंगे. जब मुख्यमंत्री कुछ कहते हैं तो मुझे लगता है कि यह किस तरीके की भाषा है, यह आपराधिक भाषा है. इस आपराधिक भाषा के आधार पर यह कानून के राज के बजाय पुलिस का राज बनाना चाहते हैं. उत्तर प्रदेश में यह सरकार पूरी तरीके से असफल हो गई है.

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

देश के विभिन्न क्षेत्रों में घटी ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट्स आदि संबंधित सभी प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही आम जन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के भी निर्देश दिए हैं.

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं. ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं. ऐसे प्रयास कतई स्वीकार नहीं किए जा सकते. उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे ढाबों और रेस्टोरेंट्स आदि खानपान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी जरूरी है. प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस व स्थानीय प्रशासन संयुक्त टीम द्वारा यह कार्रवाई शीघ्रता से संपन्न कराई जाए.

सीएम योगी ने कहा कि खान-पान के प्रतिष्ठानों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर आदि के नाम और पता प्रमुखता से डिस्प्ले किए जाने चहिए. इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया जाए. उन्होंने कहा कि ढाबे, होटलों और रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी की व्यवस्था हो. न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर बल्कि प्रतिष्ठान के अन्य हिस्सों को भी सीसीटीवी से कवर होना चाहिए. यह सुनिश्चित किया जाए कि हर प्रतिष्ठान संचालक सीसीटीवी की फीड को सुरक्षित रखेगा और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस/स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराएगा.

पीएसएम/जीकेटी