नई दिल्ली, 24 सितंबर मजबूत विकास और सकारात्मक निवेश धारणा के बीच भारत को लेकर उत्साहित अमेरिकी वित्तीय सेवा प्रमुख जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी का इरादा देश में अपने व्यवसाय को बढ़ाने का है.
जेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी डिमन के अनुसार, चीन के आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए पर्याप्त अवसर हैं, हालांकि इस बदलाव में कई साल लगेंगे.
इस बीच, देश को अपने विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को और विकसित करने और “चाइना प्लस वन” रणनीति से लाभ प्राप्त करने के लिए स्केलेबिलिटी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है.
जेपी मॉर्गन के एशिया प्रशांत सीईओ सोजर्ड लीनार्ट ने इस बीच यह कहा कि भारत अभी भी मजबूती से शीर्ष तीन में है, संभवतः जापान के साथ एशिया में शीर्ष दो में.
ऐसी कई चीजें भारत के पक्ष में आई हैं जिससे निवेश और व्यापार के लिए भारत “मैदान के तौर पर एक बेहद रोमांचक जगह” बन गया है.
अमेरिकी बैंकिंग दिग्गज का लक्ष्य ग्राहकों के साथ-साथ फर्म को वैश्विक समर्थन प्रदान करने वाले संसाधनों को कवर करते हुए अपने व्यवसायों का विस्तार करना है.
सरकार के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था के औद्योगिक और सेवा क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जो तेज घरेलू मांग और आंशिक रूप से अस्थायी बाहरी मांग से समर्थित हैं. इससे चीन प्लस वन रणनीति के तहत भारत की विनिर्माण कंपनियों को फायदा हो सकता है.
वित्त मंत्रालय की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, होटल और पर्यटन उद्योग में चल रही रिकवरी, परिवहन और रियल एस्टेट क्षेत्रों में ऋण प्रवाह में वृद्धि, समर्थक नीति, डिजिटल बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स में मजबूत निवेश जैसे कारकों से सर्विस सेक्टर को मदद मिलने की संभावना है.
इस बीच, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 6.8 फीसदी पर बरकरार रखा है, जबकि कैलेंडर वर्ष 2024 में चीन की आर्थिक वृद्धि 0.2 फीसदी घटाकर 4.6 फीसदी कर दी है.
रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान भी 6.9 फीसदी पर बरकरार रखा है. इस बीच, इसने कैलेंडर वर्ष 2025 में चीन की जीडीपी वृद्धि को घटाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया.
जुलाई के बजट ने पुष्टि की कि सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियां जिससे सरकारी घाटे और ऋण संचय को कम किया जा सके और बुनियादी ढांचे पर सार्वजनिक व्यय का ध्यान केंद्रित रखने के लिए प्रतिबद्ध है.
बजट 2024-25 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूंजीगत व्यय के लिए कुल 11.11 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का भी लक्ष्य रखा है.
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