नई दिल्ली, 24 सितंबर . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 24-28 सितंबर को मध्य एशियाई देश उज्बेकिस्तान का दौरा करेंगी. इस दौरान वह एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के गवर्नर मंडल की नौंवी वार्षिक बैठक में भाग लेंगी. साथ ही इस आधिकारिक यात्रा में दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, वित्त मंत्री सीतारमण की ओर से विदेश यात्रा के दौरान उज्बेकिस्तान, कतर, चीन और एआईआईबी के अध्यक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक की जाएगी. वित्त मंत्री इस मीटिंग में एआईआईबी में भारत के गवर्नर के तौर पर हिस्सा लेंगी.
भारत एआईआईबी का दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है. इस बैठक में बहुपक्षीय चर्चाएं विकास एजेंडे से संबंधित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर केंद्रित होंगी.
आधिकारिक यात्रा के हिस्से के रूप में, केंद्रीय वित्त मंत्री के उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति महामहिम शौकत मिर्जियोयेव से मुलाकात करने की उम्मीद है.
यात्रा के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री भारत और उज्बेकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) पर हस्ताक्षर करेंगी. बीआईटी पर केंद्रीय वित्त मंत्री और उज्बेकिस्तान के निवेश, उद्योग और व्यापार मंत्री द्वारा हस्ताक्षर किए जायेंगे. इस संधि का उद्देश्य दीर्घकालिक आधार पर दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए अधिक व्यापक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है.
साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री भारत-उज्बेकिस्तान के बिजनेस फोरम में हिस्सा लेंगी. इसमें दोनों देशों के इंडस्ट्री लीडर्स भाग लेंगे.
इसके अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री समरकंद स्टेट यूनिवर्सिटी और ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री स्मारक भी जाएंगी.
एआईआईबी की वार्षिक बैठक में 80 से ज्यादा देशों के साथ कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भाग ले रही हैं.
एआईआईबी एक बहुपक्षीय बैंक है. इसका फोकस स्थायी बुनियादी ढांचे का विकास और तेज आर्थिक विकास, धन सृजित, बुनियादी ढांचे में सुधार और कनेक्टिविटी के लिए उत्पादक सेक्टर्स और बुनियादी ढांचे में निवेश को प्रोत्साहित करना है.
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एबीएस/