स्वास्थ्य के क्षेत्र में सफलता की कहानी बयां कर रही ‘आयुष्मान भारत योजना’, जानें कब हुई थी शुरू

नई दिल्ली, 23 सितंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) की शुरुआत की थी. इस योजना के छह साल पूरे हो गए हैं, जो इसकी सफलता की कहानी को बयां करता है और यह भी दिखाता है कि कैसे इसने ‘स्‍वस्‍थ भारत’ की नींव रखने में अहम योगदान दिया.

इस योजना के माध्यम से देश के हर एक गांव, शहर में गरीब, किसानों और मध्यम वर्गीय परिवारों तक इसका सीधा लाभ पहुंच रहा है. स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में पैसा कोई बाधा नहीं है और यही कारण है कि पीएम-जेएवाई योजना बिना किसी भेदभाव के स्वास्थ्य कवरेज को पूरा करती है.

आयुष्मान भारत योजना देश में आज के समय में एक जीवन रेखा बन गई है, इसमें 60,000 से अधिक रोगियों को प्रतिदिन मुफ्त इलाज मिल रहा है और करोड़ों परिवार अत्यधिक चिकित्सा खर्च से मुक्त हो रहे हैं. आपको बताते हैं इस योजना से जुड़ी कुछ अहम बातें.

दरअसल, 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के रांची में आयुष्मान भारत का उद्घाटन किया था.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस योजना के छह साल पूरे होने पर अहम खुलासा किया. उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत एक लाख रुपये के बीमा कवर के साथ की गई थी, लेकिन प्रधानमंत्री के सुझावों ने इसे एक गेम चेंजर योजना बना दिया.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “जब हम आयुष्मान भारत के लिए रोडमैप तैयार कर रहे थे, तो उस समय एक लाख रुपये के स्वास्थ्य कवरेज का प्रस्ताव रखा गया था. हालांकि, इसे प्रधानमंत्री मोदी की सलाह पर बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया, ताकि इस योजना से सभी जरूरतमंदों को लाभ मिल पाए.“

उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने ‘आयुष्मान भारत’ के प्रभावी कार्यान्वयन पर विशेष जोर दिया. उन्होंने जागरूकता बढ़ाने और सभी नागरिकों के लिए पहुंच सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किए.“

सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, आयुष्मान कार्ड लगभग 49 फीसदी महिलाओं को जारी किए गए हैं और 7.79 करोड़ अस्पताल में भर्ती होने वालों में से लगभग 1.5 करोड़ महिलाओं को यह कार्ड दिए गए हैं, जिनमें से 3.61 करोड़ महिलाओं द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाता है.

सार्वजनिक और निजी अस्पताल इस योजना के कार्यान्वयन में क्रमशः 57 प्रतिशत और 43 प्रतिशत के साथ समान रूप से योगदान दे रहे हैं.

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है. इस योजना के तहत प्रति वर्ष हर एक परिवार को पांच लाख रुपये लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों को दिए जाते हैं.

लगभग 18 राज्यों ने पीएम-जेएवाई योजना के साथ अपने राज्य से संबंधित योजनाओं को जोड़ा है. इनमें से कुछ ने अपनी लागत के अनुरूप विस्तार भी किया है.

हाल ही में मोदी सरकार ने 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए पीएम-जेएवाई योजना के विस्तार की घोषणा की है. इससे लगभग 4.5 करोड़ परिवारों में रहने वाले लगभग 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को लाभ होगा.

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