बौद्ध धर्म गुरुओं ने की पीएम मोदी की तारीफ, बोले- उन्होंने दुनिया भर में बढ़ाया सम्मान

मुंबई, 23 सितंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिन को अवसर पर मुंबई के नेहरू विज्ञान केंद्र में सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बौद्ध नेताओं ने बुद्ध सर्किट विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया.

इस पखवाड़े का आयोजन भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन (आईएमएफ) के एक प्रतिनिधिमंडल ने किया. इसमें आईएमएफ के संयोजक और राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने शिरकत की. इस अवसर पर बौद्ध भिक्षु, धार्मिक नेता भी मौजूद रहे.

बौद्ध भिक्षुओं और धार्मिक नेताओं ने पीएम मोदी के बेहतर स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की. इसके बाद राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने बौद्ध पुजारियों के साथ मिलकर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में भी हिस्सा लिया और उन्होंने इसके तहत वृक्षारोपण किया.

इस कार्यक्रम के दौरान बौद्ध धर्मगुरु तथा नेताओं ने भारत समेत पूरी दुनिया में भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और विचारधाराओं के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में बौद्ध संस्कृति और विरासत के संरक्षण के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सराहनीय पहल ने आज दुनिया भर में बौद्ध धर्म का कद बढ़ाया है.

उन्होंने लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के लिए भी पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया. बौद्ध धर्मगुरुओं ने कहा, “भारत के इतिहास में किसी अन्य प्रधानमंत्री ने बौद्ध समुदाय की आकांक्षाओं को नहीं समझा, जैसा पीएम मोदी ने किया है. उन्होंने न केवल बौद्ध समुदाय के साथ एक विशेष और मजबूत बंधन स्थापित किए, बल्कि बल्कि उन्‍होंने भगवान बुद्ध की शिक्षा के वास्‍तविक सार को नया रूप भी दिया है. उन्होंने बौद्ध जीवन शैली को अपनाया है.”

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भगवान बुद्ध के दिखाए रास्ते पर चलते हुए पीएम मोदी ने पारिवारिक जीवन को त्याग दिया और राष्ट्र की सेवा के लिए निरंतर और निस्वार्थ रूप से काम किया है.

बौद्ध समुदाय के सदस्यों ने कहा, “भारत ने संयुक्त राष्ट्र में दुनिया को युद्ध का नहीं बल्कि बुद्ध का संदेश दिया है.”

वहीं, राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने कहा, “पिछले एक दशक में पीएम मोदी ने दुनिया भर में भगवान बुद्ध की शिक्षाओं की वकालत की है. इसके अलावा उन्होंने बौद्ध समुदाय के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण पहल की और बौद्ध धर्म की सांस्कृतिक विरासत, साहित्य और धार्मिक मूल्यों को संरक्षित करने के लिए कई कदम भी उठाए.”

संधू ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बोधगया को आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने, भारत और नेपाल के बीच बौद्ध सर्किट के विकास पर फोकस करने, लुंबिनी में भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र का निर्माण करने के लिए कदम उठाए हैं.”

अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के महासचिव शार्त्से खेंसुर रिनपोछे जंगचुप चोएडेन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने संदेश में ‘भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिया’ के माध्यम से बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को दुनिया भर में फैलाया है और हमें इस पर गर्व है.

उन्होंने कहा, “एक बौद्ध के रूप में, मैं कह सकता हूं कि किसी भी प्रधानमंत्री ने बौद्ध धर्म को उस स्तर तक नहीं पहुंचाया है, जैसा पीएम मोदी ने किया है. अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों में से पीएम मोदी ने भारत की बौद्ध विरासत को विश्व समुदाय के समक्ष बहुत शानदार ढंग से पेश किया है.”

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