ईपीएफओ इतिहास में जुलाई में जुड़े सबसे ज्यादा 19.94 लाख नए सदस्य

नई दिल्ली, 23 सितंबर . कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुलाई में शुद्ध रूप से 19.94 लाख नए सदस्य जुड़े हैं. यह अप्रैल 2018 के बाद पेरोल डेटा रिकॉर्ड किए जाने की शुरुआत के बाद से अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी किए गए डेटा से यह जानकारी मिली.

ईपीएफओ से जुलाई में 10.52 लाख नए सदस्य जुड़े हैं. जून के मुकाबले इसमें 2.66 प्रतिशत और पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इसमें 2.43 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है.

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि नए सदस्यों की संख्या में बढ़त दिखाती है कि देश में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और ईपीएफओ का आउटरीच प्रोग्राम सफल हो रहा है. इससे ईपीएफओ के फायदों को लेकर कर्मचारियों में जागरूकता आ रही है.

14.65 लाख सदस्य जो कि पहले ईपीएफओ सिस्टम से बाहर हो गए थे, जुलाई में दोबारा वापस आ गए थे. इस आंकड़े में सालाना आधार पर 15.25 प्रतिशत का इजाफा हुआ. इन सदस्यों की ओर से पीएफ में मौजूद पैसे को निकालने की जगह ट्रांसफर करने का विकल्प चुना है, जो दिखाता है कि अधिक कर्मचारी वित्तीय सुरक्षा को चुन रहे हैं.

सबसे अधिक तेजी 18 से 25 आयु वर्ग के लोगों के बीच देखी गई है. जुलाई में इस आयु वर्ग के 8.77 लाख नए सदस्य जुड़े हैं.

जुलाई में ईपीएफओ से जुड़ने वाली नई महिला सदस्यों की संख्या 3.05 लाख थी. इसमें सालाना आधार पर 10.94 प्रतिशत की बढ़त देखी गई. शुद्ध रूप से कुल 4.41 लाख महिलाएं जुलाई में ईपीएफओ से जुड़ी थी, यह डेटा रिकॉर्ड किए जाने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसमें सालाना आधार पर 14.41 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है.

मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, ईपीएफओ से जुलाई में जुड़े कुल सदस्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा और गुजरात की हिस्सेदारी 59.27 प्रतिशत है. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा 20.21 प्रतिशत सदस्य महाराष्ट्र में जुड़े हैं.

बड़ी बात यह है कि ईपीएफओ के सदस्यों में शुद्ध वृद्धि में 38.91 प्रतिशत हिस्सेदारी एक्सपर्ट सर्विसेज सेक्टर की है. इसमें मैनपावर सप्लायर्स, कॉन्ट्रैक्टर्स, सिक्योरिटी सर्विसेज और अन्य शामिल हैं.

एबीएस/एबीएम