यमन: सना पर कब्जे के दस साल, हूती विद्रोहियों ने परेड निकालकर मनाया जश्न

सना, 22 सितंबर . हूती ग्रुप ने यमन की राजधानी सना पर कब्जे की दसवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक परेड का आयोजन किया. परेड में ग्रुप के सैंकड़ों सदस्यों ने भाग लिया.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, परेड में भाग लेने वाले लोग वर्दी पहने, हथियार लिए, यमन और फिलिस्तीन के झंडे लहराते हुए मध्य सना में अल सबीन स्क्वायर पर इकट्ठा हुए.

यमन 2014 से ही विनाशकारी संघर्ष में फंसा हुआ है. 21 सितंबर, 2014 को, हूती विद्रोहियों ने कई उत्तरी प्रांतों पर कब्ज़ा कर लिया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार को राजधानी सना से बाहर जाना पड़ा था.

हूतियों का अब भी उत्तरी इलाकों के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण कायम है. इसमें सना और रणनीतिक रूप से अहम लाल सागर बंदरगाह होदेदाह शामिल हैं.

अप्रैल 2022 से राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार मुख्य रूप से दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों को नियंत्रित करती है. इसने अदन को अस्थायी राजधानी का दर्जा दिया है.

एक दशक से चल रहे गृहयुद्ध ने अरब देश पर बहुत बुरा असर डाला है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का अनुमान है कि 2021 के अंत तक, संघर्ष ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 377,000 लोगों की जान ले ली थी. संयुक्त राष्ट्र ने यमन की स्थिति को ‘दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट’ घोषित किया है.

वर्तमान में, लगभग 21.6 मिलियन लोग (यमन की दो-तिहाई आबादी) – मानवीय सहायता पर निर्भर हैं.

पिछले एक दशक में, यमन में शांति को बढ़ावा देने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को सीमित सफलता ही मिली है.

अप्रैल 2022 में एक उल्लेखनीय युद्धविराम समझौता छह महीने तक चला. हालांकि तब से दोनों पक्षों ने बड़े पैमाने पर ‘वास्तविक युद्धविराम’ बनाए रखा है.

इस बीच हूती विद्रोहियों ने कहा है कि उनका ग्रुप यमनी सरकार और सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ शांति समझौते के लिए तैयार है. इसके लिए हूती के सर्वोच्च राजनीतिक परिषद के प्रमुख महदी अल-मशात ने कुछ शर्तें भी रखी हैं.

अल-मशात ने कहा, “शांति प्राप्त करने का एकमात्र रास्ता है – यमनियों को वेतन देना, यमन के हवाई अड्डों और बंदरगाहों को खोलना और सभी कैदियों को रिहा करना.” उन्होंने शुक्रवार को राजधानी सना पर हूती के कब्जे की 10वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर एक टेलीविजन भाषण में यह बात कही.

अल-मशात ने कहा, “शांति की जरुरतों में मुआवजे का भुगतान, नुकसान की भरपाई और यमन गणराज्य से सभी विदेशी शक्तियों की पूर्ण वापसी भी शामिल है.”

एमके/केआर