वाशिंगटन, 21 सितंबर . भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शनिवार को एक संयुक्त शिखर सम्मेलन वक्तव्य जारी करेंगे. इसमें उत्तर कोरिया और दक्षिण चीन सागर के संबंध में ‘सबसे कठोर भाषा’ शामिल हो सकती है. यह जानकारी अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन शनिवार को अपने गृहनगर विलमिंगटन, डेलावेयर में छठे (चौथे व्यक्तिगत) क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले हैं. वह आर्कमेरे अकादमी में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज और जापानी पीएम किशिदा फूमियो की मेजबानी करेंगे. यह वही जगह है, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाई स्कूल की पढ़ाई की थी.
इससे एक दिन पहले अधिकारी ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा, “क्वाड एजेंडा हमेशा इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक लाभ की एक विस्तृत श्रृंखला पर केंद्रित होता है, जिसमें निश्चित रूप से पीआरसी के संबंध में विचार शामिल होते हैं.”
पीआरसी यानी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, चीन का आधिकारिक नाम है.
अधिकारी ने कहा, “इसमें डीपीआरके (डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया) और कई अन्य महत्वपूर्ण बातों पर भी ध्यान दिया जाएगा. मुझे लगता है कि आप आगामी संयुक्त वक्तव्य में क्वाड द्वारा अब तक कही गई सबसे कठोर भाषा, विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर और उत्तर कोरिया के संबंध में देख सकते हैं.”
अधिकारी ने कहा कि संयुक्त बयान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों पर क्वाड नेताओं के बीच “विचारों की समानता” को दर्शाएगा.
गुरुवार को एक अलग प्रेस ब्रीफिंग में, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में पूर्वी एशिया और ओशिनिया की वरिष्ठ निदेशक मीरा रैप-हूपर ने कहा कि क्वाड नेता उत्तर कोरियाई सुरक्षा चुनौती के साथ-साथ उत्तर और रूस के बीच बढ़ते सैन्य गठबंधन पर भी चर्चा करेंगे.
क्वाड में चार देश भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. इसका उद्देश्य एक ‘खुला, स्थिर और समृद्ध’ हिंद-प्रशांत क्षेत्र है.
क्वाड देशों की संयुक्त जनसंख्या 1.9 बिलियन है. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोतरफा व्यापार में इनकी हिस्सेदारी 44 प्रतिशत है. संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 34.8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है और वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में इनकी हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है.
शेड्यूल संबंधी मुद्दों के कारण अमेरिका के साथ अपनी बारी बदलने के बाद, भारत अब 2025 क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
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एमके/एबीएम