सनातन धर्म रक्षण बोर्ड बनाने की मांग पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, इन बातों का कोई मतलब नहीं

नई दिल्ली 21 सितंबर . आंध्र प्रदेश के तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में मिलावट की पुष्टि हो गई है. प्रसाद बनाने वाले घी में जानवरों की चर्बी पाई गई है. इसे लेकर आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने सनातन धर्म रक्षण बोर्ड बनाने की मांग उठाई है. पवन कल्याण के बयान पर दिल्ली के पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस संदीप दीक्षित ने शनिवार को प्रतिक्रिया दी है.

से बातचीत में उन्होंने कहा, “मैं पवन कल्याण की बात का मतलब नहीं समझ पाया. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि अभी-अभी वह सरकार में आए हैं. तिरुपति में जो हुआ, वह कहीं और न हो, इसके लिए देश में पहले से ही कानून हैं. खाद्य पदार्थों में मिलावट न हो, इसके लिए भी कानून हैं. सरकार उनकी है, उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कहीं और इस प्रकार की घटना न हो.”

अलग बोर्ड बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि वह अपने प्रदेश में कुछ भी करें, यह उनका काम है, लेकिन इसके लिए सामान्य कानून है. आप सामान्य कानूनों को ही यदि ढंग से लागू कराएंगे, तो ऐसी घटनाएं नहीं होगी. खाद्य एक्ट है, फूड इंस्पेक्टर होते हैं. वह इसकी जांच करते हैं. जांच के लिए बड़ी- बड़ी प्रयोगशालाएं हैं. इसके लिए किसी भी नए बोर्ड के गठन की जरूरत नहीं है. वह नए-नए उपमुख्यमंत्री बने हैं. मेरा पवन कल्याण जी से निवेदन है कि वह अपनी सरकार से कहें कि सामान्य कानूनों को सुचारू रूप से लागू कराएं, तो 99 फीसदी ऐसी घटनाएं नहीं होंगी.

संदीप दीक्षित ने प‍िछले दिनों से बात करते हुए कहा कि यह बहुत स्तब्ध कर देने वाली खबर है. तिरुपति मंदिर से करोड़ों भारतीयों की आस्था जुड़ी है. वहां के प्रसाद में ही भक्‍त को भगवान के दर्शन हो जाते हैं. ऐसे में प्रसाद में मिलावट बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. मामले की जांच की जानी चाहिए, यह मिलावट कहां से हुई? इसके पीछे कौन हैं? तभी मामले में पूरा खुलासा होगा. ऐसी घटनाएं सरकार की असफलता को बताती हैं.

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