यमन: सरकार के साथ शांति समझौते के लिए हूती विद्रोहियों ने रखी शर्तें

सना, 21 सितम्बर . यमन के हूती विद्रोहियों ने कहा है कि उनका ग्रुप यमनी सरकार और सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ शांति समझौते के लिए तैयार है. हालांकि इसके लिए हूती के सर्वोच्च राजनीतिक परिषद के प्रमुख महदी अल-मशात ने कुछ शर्तें भी सामने रखी हैं.

अल-मशात ने कहा, “शांति प्राप्त करने का एकमात्र रास्ता है – यमनियों को वेतन देना, यमन के हवाई अड्डों और बंदरगाहों को खोलना और सभी कैदियों को रिहा करना.” उन्होंने शुक्रवार को राजधानी सना पर हूती के कब्जे की 10वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर एक टेलीविजन भाषण में यह बात कही.

अल-मशात ने कहा, “शांति की जरुरतों में मुआवजे का भुगतान, नुकसान की भरपाई और यमन गणराज्य से सभी विदेशी शक्तियों की पूर्ण वापसी भी शामिल है.”

हाल ही में हूती विद्रोहियों के हमले में तीन सैनिक मारे गए और पांच घायल हो गए. यह हमला दक्षिणी यमनी प्रांत ढाले में हुआ था हालांकि हूतियों ने हमले को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक एक सूत्र ने बताया कि हूती ग्रुप ने रविवार सुबह एक सरकारी सैन्य ठिकाने पर तोपखाने और रॉकेट से हमला किया.

सूत्र के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी ढाले प्रांत के कताबा जिले के बाब गलाक क्षेत्र में यह हमला हुआ. मृतकों में सैन्य अड्डे के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद अल-हमीदी भी शामिल हैं.

यमन 2014 से ही विनाशकारी संघर्ष में फंसा हुआ है. 21 सितंबर, 2014 को, हूती विद्रोहियों ने कई उत्तरी प्रांतों पर कब्ज़ा कर लिया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार को राजधानी सना से बाहर जाना पड़ा था.

पिछले साल अक्टूबर से गाजा में जारी इजरायल-हमास संघर्ष के बाद हूती विद्रोहियों ने लाल सागर और अदन की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों पर हमले करने शुरू दिए.

हूतियों का दावा है कि वे ये हमले इजराइल-हमास संघर्ष में फिलिस्तीनियों के प्रति समर्थन जाहिर करने के लिए कर रहे हैं.

माना जाता है हूतियों को ईरान का समर्थन हासिल है.

एमके/केआर