गाजियाबाद, 21 सितंबर . विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के ‘प्रसादम’ में मिलावट को आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सनातन धर्म के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा है कि इसमें देश की कई पार्टियां और उनके नेता शामिल हैं.
आचार्य ने कहा, यह तो बहुत ही खतरनाक बात है. यह सनातन धर्म के खिलाफ षड्यंत्र है. कभी सनातन धर्म को मिटाने की साजिश होती है. कभी इसे खत्म करने की कोशिश होती है. इस बार हमारे धर्म को भ्रष्ट करने की साजिश है. यह सिर्फ भारत में नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है. विदेशी ताकतें भारत को बर्बाद करना चाहती हैं. विदेशी ताकतें यह जानती है कि भारत को तब तक बर्बाद नहीं किया जा सकता, जब तक सनातन को मिटा न दिया जाए.
उन्होंने इसे घोर पाप बताया. कहा, दुर्भाग्य की बात यह है कि हमारे धर्म को मिटाने की जो साजिश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है, उसमें भारत के कुछ राजनीतिक दल और नेता भी शामिल हैं. यह परिणाम उसी का है. अब तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है. उस समय वाईएसआर कांग्रेस की सरकार थी. जगन मोहन रेड्डी ने हिंदुओं के साथ छल किया है. यह घोर पाप है. इसका प्रायश्चित करना बड़ा मुश्किल है. अब समय आ गया है जब पूरे सनातन धर्म को एक होना पड़ेगा. सनातन धर्म को बचाने के लिए एक होना पड़ेगा.”
उन्होंने आगे कहा कि पूरे भारत में सनातन धर्म की रक्षा के लिए कोई एक संस्था की स्थापना करना बहुत जरूरी है, जो हमारे तमाम मंदिर और मठों की, तमाम आस्था के केंद्रों की अच्छी तरह से देख रेख और संचालन कर सके. यह तो हमारे साथ धोखा है. तिरुपति बालाजी मंदिर हमारी आस्था का प्रतीक है. उस मंदिर में ऐसा षड्यंत्र हो रहा है. अब सनातन धर्म को बचाने का समय आ गया है. सनातन धर्म को बचाने के लिए सबको इकट्ठा होना पड़ेगा.
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पीएसएम/केआर