नई दिल्ली, 20 सितंबर . वक्फ एक्ट पर विरोध के बाद आगे की कार्रवाई के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) वक्फ से जुड़ी अलग-अलग संस्थाओं और लोगों से इस बिल पर उनका पक्ष जान रही है.
इसके तहत अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में जेपीसी के सामने अपना पक्ष रखा.
जेपीसी के साथ मीटिंग के बाद उन्होंने से बात करते हुए इसके बारे में विस्तार से बताया.
उन्होंने कहा, “आज ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने हमें अपना पक्ष रखने का मौका मिला था. मैं अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष के तौर पर आया था. मेरे साथ हमारे काउंसिल के कई नुमाइंदे थे. जो गुजरात, हैदराबाद, यूपी और दिल्ली से थे. सबने अपनी बात रखी. हमने अपनी बात ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने रखी है. हमने हमारे सुझाव भी दिए हैं. हमें उम्मीद है कि यह एक अच्छा वक्फ एक्ट बनकर आएगा. वक्फ के अंदर सबके काम जो होने चाहिए, वह होंगे. सबको लाभ पहुंचेगा. विरोध करना, समर्थन करना एक प्रक्रिया का हिस्सा है. सबको अपनी बात रखने का अधिकार है. कई लोगों ने हमारी बातें रखीं. इससे पहले भी हमने हमारी बातें रख दी थी. हमने पहले ही कहा था कि संशोधन की जरूरत है. इसमें संशोधन तमाम स्टेक होल्डर्स की बात सुनकर हो रहा है, यह सबसे अच्छी बात है. यह सबसे अच्छी बात है कि हुकूमत तमाम स्टेक होल्डर्स को बुला रही है. जेपीसी बड़ी तसल्ली से उन्हें सुन रही है. वक्फ में बदलाव की बहुत जरूरत है. इस जरूरत के हिसाब से कहां तक कामयाबी मिलती है, यह हम आगे देखते हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि सबको अपनी-अपनी बात मजबूती के साथ रखनी चाहिए. देश की तमाम संस्थाओं और लोगों को अधिकार है कि वह अपनी बात रखें. मेरा मानना है कि ऐसा कानून बनना चाहिए कि जो परेशानियां हैं, वक्फ बोर्ड, उसके प्रबंधन और उसमें भ्रष्टाचार को लेकर, वह सब चीजें दूर हों और वक्फ के पैसे का सही इस्तेमाल हो. इसके अलावा वक्फ की संपत्तियों को प्रोटेक्ट भी किया जाना चाहिए. वक्फ को हमेशा वक्फ ही रहने देना चाहिए.
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पीएसएम/एबीएम