काम के दबाव से कर्मचारी की मौत के आरोपों की केंद्र सरकार करेगी जांच

नई दिल्ली, 19 सितंबर . केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वह पुणे में ऑडिट फर्म अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) में काम करने वाली 26 वर्षीय युवती की मौत की जांच करेगा. कर्मचारी की मां ने कंपनी पर अधिक काम के ल‍िए दबाव डालने का आरोप लगाया था.

21 जुलाई को 26 वर्षीय अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत “बहुत ज़्यादा काम के बोझ” और “काम के तनाव” के कारण हो गई थी. पेरायिल की मां अनीता ऑगस्टीन ने कंपनी के चेयरमैन राजीव मेमानी को लिखे एक पत्र में इस बात का दावा किया है.

अन्ना ने अकाउंटिंग फर्म में चार महीने तक काम किया.

केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल के निधन से बहुत दुखी हूं. असुरक्षित और शोषणकारी कार्य वातावरण के आरोपों की जांच चल रही है.”

उन्होंने कहा, “हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. श्रम मंत्रालय ने जांच को अपने हाथ में ले लिया है.”

राज्य मंत्री ने यह बात भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर की उस पोस्ट के जवाब में कही, जिसमें उन्होंने अन्ना की मौत को बहुत दुखद और परेशान करने वाला बताया था.

उन्होंने कहा, “मैं केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, शोभा करंदलाजे से अनुरोध करता हूं कि वह अन्ना की मां द्वारा लगाए गए इन आरोपों की जांच करें.”

चेयरमैन को लिखे पत्र में ऑगस्टीन ने कहा कि ईवाई की कार्य संस्कृति “अत्यधिक काम को महिमामंडित करती है, जबकि कार्य करने वाले शख्‍स की उपेक्षा करती है”. उन्होंने दावा किया कि अन्ना “पूरी तरह थकी हुई” होकर लौटती थीं, लेकिन फिर भी काम के ढेरों संदेश आने लगते थे.

अन्‍ना की मां ने कहा कि उनकी बेटी जुझारू थी, लेकिन उस पर बहुत ज़्यादा दबाव था.

सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का सामना कर रहे ईवाई इंडिया ने एक बयान में कहा कि कंपनी अन्ना की मौत से बहुत दुखी है और परिवार के पत्राचार को अत्यंत गंभीरता और विनम्रता के साथ ले रही है.

कंपनी ने कहा, “हम सभी कर्मचारियों की भलाई को सबसे ज़्यादा महत्व देते हैं और भारत में कर्मचार‍ियों के ल‍िए कार्य का स्‍वस्‍थ वातावरण प्रदान करने को प्रत‍िबद्ध हैं.”

इस बीच, अन्ना के पिता सिबी जोसेफ ने कहा कि कंपनी के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई करने की उनकी कोई योजना नहीं है. मेरी पत्नी ने चेयरमैन को यह सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा कि भले ही हमारी बेटी चली गई हो, लेकिन किसी और व्यक्ति के साथ ऐसा न हो. हम कंपनी के खिलाफ कोई कानूनी कदम नहीं उठाने जा रहे हैं.

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