अगर राहुल गांधी को कुछ हुआ, तो केंद्र होगी जिम्मेदार : प्रमोद तिवारी

नई दिल्ली, 18 सितंबर . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने बुधवार को से विशेष बातचीत की. उन्होंने इस दौरान दो टूक कह दिया कि अगर राहुल गांधी को कुछ हुआ, तो इसकी जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि केंद्र सरकार होगी.

उन्होंने कहा, “पहले भारत सरकार के राज्य मंत्री, इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री, इसके बाद भाजपा के नेता मारवाह ने राहुल गांधी का हाल दादी जैसा करने की धमकी दे डाली, इसके बाद शिवसेना के एक एमएलए ने राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 15 लाख रुपए देने की घोषणा कर दी. भाजपा के लोग लगातार नफरत और हिंसा का माहौल पैदा करना चाहते हैं, जिसे हम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं. यह खतरनाक स्थिति है.”

उन्होंने आगे कहा, “अगर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सुरक्षा में कोई चूक होती है, तो इसके जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री होंगे. हमने आतंकवाद की वजह से ही इंदिरा गांधी को खोया था. इसी तरह हमने राजीव गांधी को भी खोया था. हम आतंकवाद से डरते नहीं हैं और ना ही भाजपा की तरह हम झुककर आतंकवाद को सलाम करते हैं. हम आतंकवाद के खिलाफ बोलते हैं, बोलते रहे हैं और आगे भी बोलते रहेंगे. हां, कुछ लोग हैं, जो भाजपा में जाकर वही बोलते हैं, जो उन्हें बोलने के लिए कहा जाता है. अमित शाह अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस विषय पर कुछ नहीं बोलते हैं. पीएम मोदी ओडिशा जाकर खीर तो खाते हैं, लेकिन इस विषय पर कुछ भी बोलने की जरूरत नहीं समझते हैं. मैं कुल मिलाकर यही कहना चाहूंगा कि हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ते आए हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे.”

कांग्रेस द्वारा इस मामले में तुगलक रोड थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने पर भी प्रमोद तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा, “यह कानूनी कार्रवाई हमने अपनी तरफ से पूरी की है. मैं समझता हूं कि यह बिल्कुल उचित है. यह कदम हमने मौजूदा समय में राहुल गांधी को मिल रही धमकियों को देखते हुए उठाया है. अब यह केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह क्या कदम उठाती है.”

इसके साथ ही उन्होंने अजीत पवार को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, “अजित पवार एक असंतुष्ट आत्मा हैं. जिस शरद पवार ने उन्हें अपने जीवन में इन ऊंचाइयों तक पहुंचाया, जब उन्होंने उनसे ही बगावत कर ली, तो उन पर क्या ही भरोसा किया जा सकता है.”

एसएचके/जीकेटी