ग्रेटर नोएडा, 18 सितंबर . उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर यूनिवर्सिटी (जीबीयू) के डीन के खिलाफ पीएचडी की छात्रा से यौन उत्पीड़न को लेकर एफआईआर दर्ज हो गई है. यह घटना करीब तीन महीने पुरानी है.
इस दौरान जीबीयू प्रशासन ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. इससे परेशान परिजन ने सोशल मीडिया पर आवाज उठाई. यहां तक कि पीड़िता की बहन ने यूजीसी के अध्यक्ष को पत्र भी भेजा था.
पीड़िता की बड़ी बहन ने पत्र के जरिए यूजीसी अध्यक्ष से छोटी बहन के साथ हुई घटना की शिकायत की थी.
उन्होंने आरोप लगाया कि जीबीयू के डीन ने ही घटना को अंजाम दिया. डीन एनपी मैलकानिया की तरफ से पीड़िता की आवाज दबाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. पीड़िता को धमकी दी जा रही है कि मामले को ज्यादा आगे बढ़ाया तो उसकी पीएचडी खराब कर दी जाएगी.
पीड़िता की बहन ने पत्र में बताया है कि मेरी छोटी बहन को 8 जून 2024 को डीन ने यूनिवर्सिटी स्थित ऑफिस में बुलाकर अश्लील शब्दों का प्रयोग किया और गलत दबाव बनाया था.
इस मामले में बड़ी बहन ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि न्याय नहीं मिलने पर पीएचडी छात्रा दुखी और सदमे में है. दूसरी ओर डीन एनपी मैलकानिया के हौसले बुलंद हो गए हैं. डीन मैलकानिया (डीन ऑफ एकेडमिक) और डॉ. अमित अवस्थी (पीएचडी को-ऑर्डिनेटर) ने चुनौती दी है कि कोई उनका कुछ नहीं कर सकता है.
वहीं, जीबीयू प्रशासन का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. कमेटी बनाकर जांच कराई जा रही है.
यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं. वर्ष 2016 में एक शिक्षक के बैड टच के कारण छात्रा ने पढ़ाई छोड़ दी थी. वहीं, वर्ष 2020 में एमफिल की छात्रा से प्रोफेसर ने छेड़छाड़ की थी.
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पीकेटी/एबीएम