गणेश विसर्जन के दिन रात 2 बजे तक चलेगी हैदराबाद मेट्रो

हैदराबाद, 15 सितंबर . हैदराबाद मेट्रो रेल ने गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस में भाग लेने वालों के लिए मंगलवार और बुधवार की रात दो बजे तक अपनी सेवाएं चलाने का निर्णय लिया है.

हैदराबाद मेट्रो रेल लिमिटेड (एचएमआरएल) ने घोषणा की है कि रूट पर अंतिम ट्रेनें रात एक बजे रवाना होंगी और लगभग दो बजे अपने गंतव्य पर पहुंचेंगी.

एचएमआरएल अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में हैदराबाद मेट्रो ट्रेनों और स्टेशनों पर भारी भीड़ देखी जा रही है और यात्रियों की संख्या हर दिन पांच लाख का आंकड़ा पार कर रही है.

खैरताबाद गणेश के दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों ने मेट्रो यात्रियों की भीड़ को और बढ़ा दिया तथा शनिवार को खैरताबाद मेट्रो स्टेशन का उपयोग लगभग 94,000 यात्रियों ने किया, जिनमें 39 हजार यात्री आए तथा 55 हजार यात्री बाहर गए.

सामान्य रूप से मेट्रो ट्रेनों में और विशेष रूप से खैरताबाद स्टेशन पर इस भारी भीड़ को सुविधाजनक बनाने और प्रबंधित करने के लिए, एचएमआरएल के प्रबंध निदेशक एन.वी.एस. रेड्डी ने एलएंडटीएमआरएचएल के एमडी के.वी.बी. रेड्डी और दोनों संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.

इस दौरान वार्षिक जुलूस में भाग लेने वाले भक्तों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया.

एचएमआरएल के एक बयान के अनुसार, गणेश उत्सव के अंत तक जरूरत के अनुसार पीक आवर्स के दौरान अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएंगी.

खैरताबाद और मेट्रो स्टेशनों पर अतिरिक्त पुलिस और निजी सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है और सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी एचएमआरएल के डीएसपी रैंक के पुलिस अधिकारी कर रहे हैं.

मांग को पूरा करने के लिए चुनिंदा मेट्रो स्टेशनों पर अतिरिक्त टिकट काउंटर खोले जाएंगे.

एन.वी.एस. रेड्डी ने खैरताबाद आने वाले मेट्रो यात्रियों से आत्म-अनुशासन का पालन करने और किसी भी भगदड़ से बचने के लिए सुरक्षा कर्मियों के साथ सहयोग करने की अपील की.

इस बीच, हजारों लोग शहर की सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा के दर्शन के लिए खैरताबाद पहुंच रहे हैं.

शहर के बीचों-बीच स्थित यह इलाका भारी भीड़ से भरा हुआ था. पुरुष, महिलाएं और बच्चे लंबी-लंबी कतारों में खड़े थे.

गत 7 सितंबर से शुरू हुआ गणेश उत्सव मंगलवार को विशाल विसर्जन जुलूस के साथ संपन्न होगा.

शहर में हुसैन सागर झील और हैदराबाद और उसके आसपास की दर्जनों झीलों में हजारों मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा.

एकेएस/एकेजे