नॉर्वे के प्रधानमंत्री स्टोरे ने चीन के साथ राजनयिक संबंधों के महत्व पर प्रकाश डाला

बीजिंग, 14 सितंबर . चीन की पेइचिंग-शांगहाई हाई-स्पीड ट्रेन में यात्रा करते समय, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास स्टोरे ने चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) की रिपोर्टर को एक विशेष इंटरव्यू दिया. पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी चीन की पहली आधिकारिक यात्रा है.

बातचीत में, प्रधानमंत्री स्टोरे ने मतभेदों की परवाह किए बिना राष्ट्रों के बीच खुले संचार के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “हर देश को बातचीत करते रहना चाहिए, जुड़े रहना चाहिए और व्यापार आदान-प्रदान बनाए रखना चाहिए, चाहे हम हर बात पर सहमत हों या नहीं.”

उन्होंने नॉर्वे और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे राजनयिक संबंधों के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो 5 अक्टूबर को अपनी 70वीं वर्षगांठ के करीब है. उन्होंने कहा, “हमें केवल अतीत पर ही विचार नहीं करना चाहिए, बल्कि भविष्य की ओर भी देखना चाहिए. मेरी यात्रा नॉर्वे-चीन संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के बारे में है.”

प्रधानमंत्री स्टोरे ने उल्लेख किया कि उनके साथ आने वाला व्यापार प्रतिनिधिमंडल अपेक्षाकृत छोटा था, लेकिन इसमें नॉर्वे की कुछ शीर्ष कंपनियां शामिल थीं. वह इसे नॉर्वे और चीन जैसे देशों के लिए व्यापक वैश्विक मुद्दों से निपटने के अवसर के रूप में देखते हैं. उन्होंने आगे कहा, “हम सभी महामारी से गुजरे हैं, आर्थिक उतार-चढ़ाव से निपटे हैं और अब यूरोप में हम यूक्रेन संघर्ष और मध्य पूर्व में अशांति का सामना कर रहे हैं. ये ऐसी चुनौतियां हैं जिनका हमें मिलकर समाधान करना होगा.”

प्रधानमंत्री ने नॉर्वे और चीन के बीच सांस्कृतिक और राजनीतिक मतभेदों को स्वीकार किया, लेकिन इसे एक ताकत बताया. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि अनुभव साझा करना बहुत अच्छा है, भले ही हम हमेशा एकमत न हों. मैं मुद्दों को सीधे संबोधित करने में विश्वास करता हूं, उनसे बचने में नहीं. मैं इस यात्रा के दौरान चीनी नेताओं से जुड़ने के अवसर के लिए वास्तव में आभारी हूं और मुझे लगता है कि यह एक बड़ी सफलता रही है.”

यह ध्यान देने योग्य है कि नॉर्वे पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले पश्चिमी देशों में से एक था. प्रधानमंत्री स्टोरे 9 सितंबर को अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर चीन की राजधानी पेइचिंग पहुंचे थे. उनके साथ बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले 70 साल में दोनों देशों के बीच गहरी सम्मान और मित्रता पर टिप्पणी की, इसे पारस्परिक प्रशंसा और सीखने पर आधारित संबंध कहा.

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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