भारत के अंदर वैश्विक सुविधाओं का समावेश है गुजरात की ‘गिफ्ट सिटी’

गांधीनगर, 14 जुलाई . गुजरात के गांधीनगर जिले के पास एक ऐसी स्मार्ट सिटी विकसित हो रही है जहां बहुत कम इंसानी हस्तक्षेप के साथ कचरे का निपटारण किया जाएगा. इसके लिए स्विस तकनीक के माध्यम से स्मार्ट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम बनाया गया है. इसमें कचरा एकत्र करने के लिए ऑटोमेटिक सिस्टम लगा हुआ है. अत्याधुनिक सुविधाओं वाली इस स्मार्ट सिटी को ‘गिफ्ट’ सिटी का नाम दिया गया है.

गांधीनगर के पास 886 एकड़ में बनी ‘गिफ्ट’ सिटी का पूरा नाम ‘गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक’ सिटी यानि जीआईएफटी सिटी है. वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम इसकी सबसे बड़ी खासियत में एक है. यहां ऑटोमेटिक सिस्टम होने की वजह से आपको कोई कचरा ले जाने वाली गाड़ी या सफाई कर्मी नहीं दिखाई देंगे. यह 50 टन तक कचरे का प्रबंधन करने में पूरी तरह से सक्षम है.

खास बात यह है कि इस सिटी की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तब की थी जब वह 2007 में गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इस सिटी में कई वैश्विक सुविधाओं का समावेश है. गिफ्ट सिटी का इन्फ्रास्ट्रक्चर विश्व स्तरीय है जिसमें डिस्ट्रिक्ट कूलिंग सिस्टम, यूटिलिटी टनल और कचरे के लिए विदेशों जैसा ऑटोमेटिक सिस्टम लगा हुआ है.

इस सिटी को देश की पहली इंटरनेशनल फाइनेंस सर्विस सेंटर के तौर पर बनाया गया है. यहां राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बैंक, आईटी कंपनियां, बीमा कंपनियां, राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार के प्रमुख केंद्र होंगे. माना जा रहा है कि यह असल मायनों में भारत की सबसे पहली स्मार्ट सिटी होगी.

गिफ्ट सिटी की खासियत पर बात करते हुए जनरल मैनेजर विमल पटेल ने बताया कि यहां टावरों से निकलने वाले ठोस कचरे को वैक्यूम सक्शन पाइप के जरिए इमारतों से लगभग 2 किमी दूर कचरा संग्रह केंद्र में भेजा जाता है . इस दौरान कचरे की गति और दिशा को पूरी तरह से ऑटोमेटिक सिस्टम से कंट्रोल किया जाता है. बाद में कचरे को रिसाइकिल करके जैविक खाद बनाई जाती है.

उल्लेखनीय है कि गिफ्ट सिटी के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने जुलाई 2022 में कहा था, “गुजरात में रहते हुए जब मैंने गिफ्ट सिटी की परिकल्पना की थी तो वह केवल व्यापार कारोबार या आर्थिक गतिविधियों तक सीमित नहीं थी. गिफ्ट सिटी की परिकल्पना में देश के सामान्य मानव की आकांक्षाएं जुड़ी थी. गिफ्ट सिटी में भारत के भविष्य का विजन जुड़ा है. भारत के स्वर्णिम अतीत के सपने भी जुड़े हैं. मुझे याद है जनवरी 2013 में जब मैं ‘गिफ्ट 1’ के इनोवेशन के लिए यहां आया था, तब लोग इसे गुजरात की सबसे ऊंची बिल्डिंग कहते थे.”

उन्होंने आगे कहा था कि गिफ्ट सिटी एक ऐसा आइडिया था जो अपने समय से भी बहुत आगे था. वह आइडिया आज इतना आगे बढ़ चुका है. गिफ्ट सिटी कॉमर्स और तकनीक के हब के रूप में अपनी मजबूत पहचान बना रहा है. गिफ्ट सिटी विल्स और विजडम दोनों को सेलिब्रेट करता है. गिफ्ट सिटी के जरिए भारत विश्व स्तर पर सर्विस सेक्टर में मजबूत दावेदारी के साथ आगे बढ़ रहा है. गिफ्ट सिटी की और खास बात यह है कि यह ट्राइसिटी अप्रोच का प्रमुख स्तंभ है. अहमदाबाद, गांधीनगर और गिफ्ट सिटी तीनों एक दूसरे से सिर्फ तीस मिनट की दूरी पर हैं और तीनों की ही अपनी एक विशेष पहचान है.

एएस/