परमाणु निरस्त्रीकरण कोरियाई प्रायद्वीप में शांति का एकमात्र व्यावहारिक रास्ता : अमेरिका

वाशिंगटन, 14 सितंबर . अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप का पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण स्थायी शांति का एकमात्र व्यावहारिक रास्ता है. वॉशिंगटन का बयान उत्तर कोरिया द्वारा इस सप्ताह यूरेनियम संवर्धन केंद्र के बारे में खुलासा किए जाने के बाद आया है.

योनहाप समाचार एजेंसी ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने प्योंगयांग से “रचनात्मक” वार्ता की तरफ लौटने की अपील की. उन्होंने दक्षिण कोरिया और जापान के प्रति अमेरिका की ‘अडिग’ सुरक्षा प्रतिबद्धता की पुष्टि की.

उत्तर कोरिया की कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने शुक्रवार को बताया कि नेता किम जोंग-उन ने यूरेनियम संवर्धन केंद्र का दौरा किया.

किम ने अपने परमाणु हथियारों के भंडार में बढ़ोतरी के लिए यूरेनियम संवर्धन के लिए सेंट्रीफ्यूज की संख्या बढ़ाने का आह्वान किया. किम का यह दौरा अमेरिका में 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले हुआ है.

समाचार एजेंसी योनहाप के एक प्रश्न के उत्तर में प्रवक्ता ने कहा, “उत्तर कोरिया द्वारा अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना वैश्विक अप्रसार व्यवस्था को सीधे तौर पर कमजोर करता है. स्थायी शांति की ओर एकमात्र व्यावहारिक रास्ता कोरियाई प्रायद्वीप का पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण है.”

अधिकारी ने कहा, “हम डीपीआरके (उत्तर कोरिया) से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों का पूर्णतः पालन करने और बिना किसी देरी के रचनात्मक वार्ता पर लौटने की अपील करते हैं.”

प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ अपने सुरक्षा संबंधों को मजबूत बनाना जारी रखेगा. उन्होंने कहा, “कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) और जापान की रक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धताएं अटल हैं.”

इससे पहले व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने बताया कि अमेरिका ने प्रायद्वीप पर सुरक्षा के लिए अधिक खुफिया, निगरानी और टोही उपकरणों की तैनाती की है.

किर्बी ने एक ऑनलाइन प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “मैं बस इतना कहूंगा कि हम उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाओं के साथ-साथ उनकी बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक में प्रगति पर नजर रखना जारी रखेंगे.”

किर्बी ने कहा, “यही कारण है कि राष्ट्रपति बाइडेन ने क्षेत्र में गठबंधनों और साझेदारियों के नेटवर्क को पुनर्जीवित करने के लिए इतनी मेहनत की है. उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप और उसके आसपास के क्षेत्रों के लिए खुफिया, निगरानी और टोही संपत्तियों को विशेष प्राथमिकता दी है.”

व्हाइट हाउस अधिकारी ने इस बात पर भी जोर दिया कि वॉशिंगटन प्योंगयांग को यह स्पष्ट कर देना चाहता है कि वह “बिना किसी पूर्व शर्त के प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में बातचीत करने को तैयार है.”

विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि उन्होंने यूरेनियम संवर्धन सुविधा पर एक वीडियो देखा है और इससे उत्तर कोरिया पर समग्र अमेरिकी नीति में बदलाव नहीं आएगा.

मिलर ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हम यह स्पष्ट करते रहेंगे कि हम अपने दक्षिण कोरियाई और जापानी सहयोगियों की रक्षा करेंगे तथा कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए काम करना जारी रखेंगे.”

यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण करने वाला है, मिलर ने कहा कि वह इस बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं करना चाहते.

उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु केंद्र के बारे में खुलासा, साथ ही इस सप्ताह उसकी छोटी दूरी की मिसाइलों का प्रक्षेपण और अन्य कार्रवाइयों ने इस चिंता को बढ़ा दिया है कि प्योंगयांग अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए बड़े उकसावे की कार्रवाई कर सकता है.

दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना ​​है कि उत्तर कोरिया प्योंगयांग के बाहरी इलाके में कांगसन और राजधानी के उत्तर में योंगब्योन परमाणु स्थल पर यूरेनियम संवर्धन सुविधाएं संचालित करता है.

उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया ने 2010 में योंगब्योन में अपने यूरेनियम संवर्धन केंद्र का निरीक्षण करने के लिए एक प्रसिद्ध अमेरिकी परमाणु वैज्ञानिक सिगफ्राइड हेकर को आमंत्रित किया था.

एमके/एकेजे