सर्वे में दिखा लोगों का उत्साह, 70 साल से अधिक के बुजुर्गों को फ्री स्वास्थ्य बीमा को लेकर कैबिनेट के फैसले को सभी ने सराहा

नई दिल्ली, 12 सितंबर . केंद्र की मोदी सरकार ने 70 साल से ऊपर के सभी बुजुर्गों को तोहफा देते हुए ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ का लाभ देने का ऐलान किया है. कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में जानकारी दी.

मोदी सरकार के इस फैसले की लोगों ने तारीफ करते हुए इसे सरकार का शानदार कदम बताया है. इसी बीच मैटराइज की तरफ से किए गए सर्वे में केंद्र सरकार के इस फैसले को लोगों ने बेहतरीन कदम बताया. दरअसल, इस सर्वे में लोगों से इसको लेकर सवाल पूछे गए थे और उनसे उनकी राय लेने की कोशिश की गई. इस सर्वे में लोगों से पूछा गया कि आयुष्मान योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) में 70 साल के ऊपर बुजुर्गों को शामिल करने का सरकार ने जो फैसला लिया है, इस पर आपकी क्या राय है?

सर्वे के मुताबिक 85.19 प्रतिशत लोगों ने सरकार के इस फैसले को अच्छा बताया, वहीं 7.41 % लोगों ने सरकार के फैसले को गलत बताया. जबकि, सरकार को इस फैसले के जरिए सियासी फायदा मिलेगा ऐसा मामने वाले लोग 4.94 प्रतिशत हैं, जबकि 2.47 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर उन्हें कुछ पता नहीं है.

सर्वे में लोगों से दूसरा सवाल किया गया कि आयुष्मान योजना में 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को शामिल करने के फैसले से लोगों को कितना फायदा होगा? जिसमें 69.758 प्रतिशत लोगों ने इसे बहुत फायदे वाला फैसला बताया, वहीं 13.58 प्रतिशत लोगों ने कहा कि थोड़ा बहुत फायदा हो सकता है. जबकि 9.26 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बुजुर्गों को इसका कोई फायदा नहीं होगा. इसके साथ ही पता नहीं कहने वाले 7.41 प्रतिशत लोग भी इसमें शामिल हैं.

बता दें कि मोदी सरकार ने आयुष्मान योजना के लिए आयु सीमा को खत्म करते हुए 70 प्लस के हर बुजुर्गों को आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख तक की स्वास्थ्य सुविधा देने का फैसला किया है. मतलब, 70 साल और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिक, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, इस योजना का लाभ उठाने के पात्र होंगे.

इस सुविधा के विस्तार का उद्देश्य लगभग ऐसे 4.5 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाना है, जिनमें 6 करोड़ वरिष्ठ लोग शामिल हैं. उन्हें प्रति परिवार 5 लाख रुपये का निशुल्क हेल्थ बीमा कवर मिलेगा.

साल 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत मोदी सरकार ने इस योजना शुरुआत की थी. इस योजना के तहत देशभर के चिह्नित सरकारी और निजी अस्पतालों में 5 लाख तक का मुफ्त इलाज करवाया जा सकता है.

अस्पताल में एडमिट होने के 10 दिन पहले और बाद के चिकित्सा खर्च का भी योजना के तहत भुगतान का प्रावधान है.

एसके/जीकेटी