केरल के राज्यपाल ने फोन टैपिंग के खिलाफ विधायक के आरोपों पर रिपोर्ट मांगी

तिरुवनंतपुरम, 11 सितंबर . केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुधवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखकर सीपीआई (एम) समर्थित विधायक पी. वी. अनवर द्वारा एडीजीपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों और फोन टैपिंग मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है.

राज्यपाल ने पत्र में अनवर के आरोपों को केंद्र में रखा और इस तरह के ‘गंभीर मुद्दे’ पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी.

उन्होंने अनवर और पथानामथिट्टा के पुलिस अधीक्षक सुजीत दास के बीच हुई टेलीफोन पर बातचीत का भी हवाला दिया.

राज्यपाल ने यह भी कहा कि विधायक की टिप्पणी यह ​​साबित करती है कि बाहरी ताकतों ने सरकार की शक्तियों का दुरुपयोग किया है, साथ ही उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों की आपराधिकता को भी उजागर किया है.

राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की फोन टैपिंग सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेशों और दिशा-निर्देशों के खिलाफ है. उन्होंने विधायक के इस बयान की ओर भी इशारा किया कि उन्होंने भी पुलिस अधिकारियों के फोन टैप किए हैं, जो एक गंभीर बात है और इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए.

1 सितंबर को नीलांबुर के विधायक पी.वी. अनवर ने केरल के कानून व्यवस्था के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एम.आर. अजित कुमार की तुलना एक “कुख्यात अपराधी” से की, जिसने “खुद को भगोड़े डॉन दाऊद इब्राहिम की तरह पेश किया है” और मंत्रियों, विधायकों और राजनेताओं के फोन टैप करने का आदेश दिया है.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पास पुलिस अधिकारियों की कई फोन रिकॉर्डिंग हैं और उन्होंने अपने और पथानामथिट्टा के पुलिस अधीक्षक सुजीत दास के बीच रिकॉर्ड की टेलीफोन बातचीत को लीक कर दिया है.

रिकॉर्डिंग में एसपी को यह कहते हुए सुना गया कि एडीजीपी ने एक व्यक्ति से 2 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी और अजित कुमार ने अपने विश्वासपात्रों को त्रिशूर और पलक्कड़ के एसपी के रूप में रखा था और उनका इस्तेमाल आर्थिक लाभ के लिए कर रहे थे.

अनवर ने दावा किया था कि उन्होंने कथित गैरकानूनी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता को उजागर करने के लिए उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों के फोन भी टैप किए थे.

एससीएच/जीकेटी