भाजपा अलगाववादी नेता का समर्थन नहीं करती है : सत शर्मा

जम्मू, 11 सितंबर . जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल एक फर्जी आदेश की कॉपी को लेकर पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित अन्य दलों पर निशाना साधा है.

सत शर्मा ने से कहा, ‘भाजपा नेता रविन्द्र रैना के नाम से फर्जी आदेश सोशल मीडिया पर फैलाया गया है, जबकि ऐसा आदेश न ही भाजपा और न ही रविन्द्र रैना की ओर से जारी किया गया है. सोशल मीडिया पर आदेश की कॉपी पूर्ण रूप से फर्जी है.”

उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल, जो सत्ता में नहीं हैं, अशांति का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. जब से आर्टिकल 370 खत्म हुआ है, करीब 10 साल बाद यहां चुनाव हो रहा है. माहौल खराब करने के लिए अब दूसरी पार्टियां फर्जी आदेश की कॉपी को वायरल कर रहे हैं.

भाजपा किसी भी अलगाववादी नेता या किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करती है, जिसका संबंध अलगाववादी नेता के साथ है. यहां भाजपा की सरकार बन रही है, इसलिए नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस जैसी पार्टियों परेशान हो रही हैं.

इसके पीछे की सच्चाई जल्द ही सामने आ जाएगी. हम इस मामले में एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं.

रविंद्र रैना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इस आदेश की कॉपी साझा करते हुए लिखा, “हताश विपक्ष द्वारा राजनीतिक दुष्प्रचार. कश्मीर घाटी में यह फर्जी पत्र फैलाया जा रहा है. यह हताश विपक्ष द्वारा राजनीतिक दुष्प्रचार के अलावा और कुछ नहीं है. मेरे कार्यालय से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. मैंने भारतीय चुनाव आयोग से राजनीतिक धोखाधड़ी में एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है.”

मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर सत शर्मा ने कहा कि वह एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें देश के हित में बयान देना चाहिए. लोकसभा में 55 से 99 सीटों पर पहुंची पार्टी ऐसे बयान देती है, जबकि 243 सीटों वाली पार्टी देश के हित में काम कर रही है. उनके लिए 100 सीटें भी पार करना मुश्किल होगा.

मैं यह नहीं कह रहा हूं कि कांग्रेस में भ्रष्ट नेता ही हैं. हर राजनीतिक दल में ईमानदार लोग भी होते हैं. कार्रवाई सिर्फ भ्रष्ट नेताओं पर ही होती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सांसद इंजीनियर राशिद के बयान के संबंध में उन्होंने कहा, कुछ लोग चर्चा में रहने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेते हैं. कौन क्या कहता है, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है.

एकेजे/