वाराणसी, 10 सितंबर . वाराणसी की रहने वाली वंद्या चौरसिया मशरूम की खेती करके करोड़ों का टर्नओवर कर रही हैं. उनको ‘यूपी की विशेष महिला’ का अवार्ड भी मिल चुका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में महिलाएं 25 साल से मशरूम की खेती करके सलाना लाखों रुपए कमा रही हैं. मंगलवार को की टीम ने इन महिलाओं से मुलाकात की.
वाराणसी की रहने वाली वंद्या चौरसिया हरहुआ इलाके में साल 2,000 से मशरूम की खेती कर रही हैं और वो इससे करोड़ों रुपये का टर्नओवर कर रही हैं. इन्होंने बीएड की पढ़ाई की है. इसके बाद मशरूम की खेती को समझने के लिए पूसा इंस्टीट्यूट, दिल्ली और मशरूम रिसर्च सेंटर सोनल से ट्रेनिंग ली.
से बात करते हुए वंद्या ने बताया बीएड के बाद मैने मशरूम की खेती करने का सोचा, क्योंकि उस समय इसकी खेती उतनी ज्यादा होती नहीं थी. उस समय इसको करना बहुत ही ज्यादा चैलेंजिंग था, मशरूम की मार्केटिंग और प्रोडक्शन करना आसान नहीं था.
उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार आने के बाद काफी बदलाव आए हैं. बिजली की सप्लाई ज्यादा होने लगी, इससे मदद मिली. मशरूम के प्रोडक्शन के बारे में बताते हुए उन्होंने बताया कि प्रतिदिन ढाई से तीन क्विंटल का प्रोडक्शन होता है. महीने की दो-ढाई लाख रुपए की बचत होती है.
उन्होंने बताया कि हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट वालों का बहुत सहयोग मिला. उन्होंने प्रोडक्शन को बढ़ाने के बारे में जानकारी दी. मशरूम के प्रोडक्शन को बढ़ाकर 25 लोगों को रोजगार दिया गया है. आज एक बीघे एरिया में मशरूम की खेती है.
वंद्या चौरसिया ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके काम की सराहना की है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको ‘यूपी की विशेष महिला’ का पुरस्कार दिया.
वंद्या चौरसिया के बेटे सोहम चौरसिया ने को बताया, मैं मुंबई में पढ़ाई कर रहा था. लेकिन कोविड में वाराणसी आकर मां के साथ मशरूम की खेती करने लगा. सोहम का कहना है कि वह मां के काम भविष्य में और आगे बढ़ाएंगे.
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एससीएच/