सियोल, 10 सितंबर . उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने मंगलवार को घोषणा की कि देश अपने परमाणु शस्त्रागार को तेजी से बढ़ाने के लिए एक नीति लागू कर रहा है.
सोमवार को उत्तर कोरिया की स्थापना की वर्षगांठ पर दिए गए भाषण में किम ने देश की परमाणु क्षमताओं और तत्परता को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
बीडीन्यूज24 ने राज्य मीडिया केसीएनए के हवाले से बताया कि उन्होंने कहा कि राष्ट्र के सुरक्षा अधिकारों की रक्षा करने और संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों से खतरों को संबोधित करने के लिए एक मजबूत परमाणु बल महत्वपूर्ण है.
किम ने मौजूदा सुरक्षा माहौल को “गंभीर खतरा” बताया और कहा कि इसका कारण क्षेत्र में अमेरिका के नेतृत्व वाला परमाणु सैन्य गुट है.
उन्होंने बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के बीच अपनी परमाणु और मिसाइल क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उत्तर कोरिया के चल रहे प्रयासों पर जोर दिया.
प्योंगयांग की कार्रवाई के जवाब में, दक्षिण कोरिया के रक्षा उप-नीति मंत्री चो चांग-राय ने अपने अमेरिकी और जापानी समकक्षों के साथ मिलकर उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में परमाणु वितरण प्रणालियों और मिसाइल परीक्षणों में विविधता लाने की निंदा की.
सियोल में बैठक करते हुए तीनों अधिकारियों ने क्षेत्रीय शांति बनाए रखने और उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल खतरों का मुकाबला करने के लिए त्रिपक्षीय सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
उन्होंने फ्रीडम एज नामक दूसरे त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास की योजना की घोषणा की.
इसके अलावा, दक्षिण कोरिया मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र कमांड (यूएनसी) के सदस्यों के साथ रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित करने वाला है.
दक्षिण कोरिया में अमेरिकी कमांडर के नेतृत्व वाली यूएनसी, उत्तर कोरिया के साथ भारी सुरक्षा वाली सीमा की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
पिछले महीने, जर्मनी दक्षिण कोरिया में यूएनसी में शामिल होने वाला नया देश बन गया, जो उत्तर कोरिया के साथ भारी सुरक्षा वाली सीमा पर पुलिस की मदद कर रहा है और युद्ध की स्थिति में दक्षिण कोरिया की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उत्तर कोरिया ने यूएनसी की आलोचना करते हुए इसे एक “अवैध युद्ध संगठन” बताया है तथा जर्मनी की भागीदारी को क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने वाला बताया है.
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एकेएस/जीकेटी