कैनबरा, 9 सितम्बर . एक जांच में पाया गया है कि ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल के वर्तमान और पूर्व सदस्यों में आत्महत्या से होने वाली मौतों की संख्या “बहुत अधिक” है. जिसे स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है.
रक्षा और सेना से रिटायर्ड हुए लोगों की आत्महत्या पर रॉयल आयोग ने सोमवार को तीन साल की जांच के बाद अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी, जिसमें 122 सिफारिशें की गईं.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, रिपोर्ट में पाया गया कि 1997 और 2021 के बीच 1,677 वर्तमान और पूर्व सैन्य कर्मियों ने आत्महत्या की, जो उस टाइम में एक्टिव ड्यूटी पर शहीद हुए लोगों की संख्या से 20 गुना अधिक है.
पिछले 10 वर्षों में, इस रिपोर्ट में पाया गया कि औसतन 78 सेवा के दौरान या पूर्व सदस्यों ने हर साल अपनी जान ले ली है, जो हर दो सप्ताह में तीन मौतों के बराबर है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि फोर्स में कार्यरत या सेवा कर चुके लोगों में आत्महत्या से होने वाली मौतों की संख्या अस्वीकार्य रूप से अधिक है.
संसद को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी ने कहा कि सरकार आयुक्तों द्वारा की गई हर सिफारिश पर गहनता से विचार करेगी. उन्होंने कहा, “जिस तरह हमारे सेना से रिटायर्ड अफसर और रक्षाकर्मी हमारे देश के लिए आगे आते हैं, उसी तरह हमारा भी दायित्व है कि हम उनके लिए आगे आएं.”
सिफारिशों में सुरक्षाकर्मियों को नागरिक जीवन में बदलाव में मदद करने के लिए एक नई एजेंसी का प्रस्ताव भी शामिल है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस निकाय में ऐसे लोगों को शामिल किया जाना चाहिए, जिन्होंने सैन्य सेवा का अनुभव किया हो और उनको मुआवजा और पुनर्वास सहायता के लिए आवेदन करने में मदद करें, उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ें और उनकी सेहत की निरंतर निगरानी करें.
आयोग ने फोर्स के अंदर यौन हिंसा की व्यापकता की औपचारिक जांच और वर्तमान और पूर्व रक्षाकर्मियों के बीच आत्महत्याओं के एक नए राष्ट्रीय रजिस्टर की भी सिफारिश की. जांच 2021 में शुरू हुई थी, लगभग 6,000 प्रविष्टियां प्राप्त हुई और सैकड़ों गवाहों की गवाही सुनी गई.
रक्षा मंत्री और उप प्रधान मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने सोमवार को संसद में रिपोर्ट पेश करते हुए कहा सरकार समय आने पर सिफारिशों पर काम करेगी.
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एससीएच/जीकेटी