नई दिल्ली, 9 सितंबर . कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर दिए गए बयान की हर तरफ चर्चा है. लेखक और प्रोफेसर दिलीप मंडल ने कहा कि राहुल गांधी भारत की एकता की विशेषता को नजरअंदाज कर रहे हैं.
सोमवार को से बातचीत में दिलीप मंडल ने भारत के प्रति राहुल गांधी के दृष्टिकोण की व्याख्या की. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का जो ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ है उसमें मुझे लगता है कि एक गलती है. वो भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में देख रहे हैं. जो बहुत सारे टुकड़ों को जोड़कर बनाया हुआ राष्ट्र है. लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि भारत एक ऐसा देश है, जिसमें यूनिटी के सारे सूत्र इतिहास के अंदर लगातार बिखरे हुए हैं.
दिलीप मंडल ने आगे कहा कि ”हमें भौगोलिक बाउंड्री 1947 में मिली, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि हमारे यूनिटी के प्वाइंट नहीं हैं. हमारी जो सांस्कृतिक विविधताएं हैं, उनका अपनी जगह पर एक खास महत्व है. ऐसा कोई नहीं कह सकता है कि हमारे अंदर विविधता नहीं है. हमारे पूरे इतिहास में अंतर धारा के आधार पर एकता के बिंदु बिखरे हुए मिलेंगे.”
”भारत की पूरी बाउंड्री में सम्राट अशोक के बनाए हुए शिलालेख मिलेंगे. इसी तरह बुद्ध की तस्वीर तमिलनाडु से लेकर जम्मू तक और गुजरात से लेकर असम तक मिलेगी. रामेश्वर से लेकर बद्रीनाथ तक, कामाख्या से लेकर पूर्व में द्वारका तक, ये सब यूनिटी के प्वाइंट्स है. राहुल गांधी जब विविधता पर बहुत मजबूती से बोल रहे हैं तो दरअसल वो यूनिटी कैरेक्टर को नजरअंदाज कर रहे हैं, जो उनकी बहुत बड़ी गलती है. भारत अपनी विविधताओं को समेटे हुए एकीकृत देश है. यह अनंत विविधताओं का सभ्यता मूलक देश है. भारत के अंदर कुछ धागे हैं जो इसे जोडे़ हुए हैं.”
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका दौरे पर भाजपा और आरएसएस के विचारों पर टिप्पणी की है. उन्होंने टेक्सास में एक कार्यक्रम में कहा, ”आरएसएस मानता है कि भारत ‘एक विचार’ है, जबकि हम मानते हैं कि भारत ‘कई विचारों’ से बना है. हम अमेरिका की तरह मानते हैं कि हर किसी को सपने देखने का अधिकार है, सबको भागीदारी का मौका मिलना चाहिए और यही लड़ाई है.”
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एसएम/जीकेटी