बेंगलुरु, 9 सितंबर . कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को सेक्स वीडियो मामले में आरोपी जनता दल (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर सुनवाई 12 सितंबर तक के लिए टाल दी.
न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश से बंद कमरे में सुनवाई का आदेश प्राप्त किया जाएगा और इस संबंध में वकीलों को सूचित किया जाएगा.
पीड़िता द्वारा होलेनारसिपुरा थाने में दर्ज मामले के संबंध में जमानत याचिका दायर की गई थी.
राज्य सरकार ने पीड़ितों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए अदालत से बंद कमरे में सुनवाई का अनुरोध किया था. पीठ ने कहा कि वह अनुरोध का सत्यापन करेगी.
प्रज्वल रेवन्ना की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रभुलिंग नवदगी ने कहा कि उन्हें अभियोजन पक्ष द्वारा अभी तक आरोप पत्र नहीं दिया गया है. उन्होंने मांग की कि उन्हें यह उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
पीठ ने जवाब दिया, “ट्रायल कोर्ट द्वारा संज्ञान पर विचार करने के बाद आपको आरोप पत्र उपलब्ध कराया जाएगा.”
वकील प्रभुलिंग नवदगी ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करना अनुचित है. शिकायत में शुरू में बलात्कार का आरोप नहीं लगाया गया था.
उन्होंने कहा कि जांच के समय बलात्कार का आरोप लगाया जा रहा है.
प्रज्वल पर अपनी 47 वर्षीय नौकरानी का यौन उत्पीड़न करने और बाद में पीड़िता की बेटी को अश्लील वीडियो भेजने और उसकी बेटी को भी यही हश्र करने की धमकी देने का आरोप है.
प्रज्वल रेवन्ना को 30 मई की सुबह बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह अपने दादा और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और चाचा एच.डी. कुमारस्वामी के साथ जर्मनी से लौट रहे थे.
उनके पिता और जनता दल (एस) विधायक एचडी रेवन्ना और मां भवानी रेवन्ना सेक्स वीडियो घोटाले से जुड़े अपहरण और बलात्कार के मामले में जेल गए थे और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.
उनके छोटे भाई, जद (एस) विधान पार्षद सूरज रेवन्ना पार्टी के पुरुष कार्यकर्ताओं का यौन उत्पीड़न करने के कथित आरोप में जेल गए थे.
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एकेएस/एकेजे