नई दिल्ली, 9 सितंबर . भारत सरकार की ओर से ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर दिए जाने के कारण वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2030 तक देश का डिफेंस मार्केट 14 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ सकता है. इन्वेस्टमेंट फर्म जेफरीज की ओर से यह जानकारी दी गई.
रिपोर्ट में बताया गया कि वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ने और सरकार की ओर से डिफेंस सेक्टर के स्थानीयकरण पर जोर दिए जाने के कारण भारतीय डिफेंस कंपनियों के लिए मौके बढ़ रहे हैं.
जेफरीज ने रिपोर्ट में कहा कि भारत सरकार एक तरफ डिफेंस के स्थानीयकरण पर जोर दे रही है. वहीं, दूसरी तरफ डिफेंस उपकरणों के एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. इससे डिफेंस सेक्टर में ऑर्डर इनफ्लो बढ़ेगा.
वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2030 के बीच भारत द्वारा डिफेंस पर खर्च को बढ़ाकर दोगुना किया जा सकता है. ऐसे में डिफेंस कंपनियों के शेयरों में तेजी जारी रह सकती है.
डिफेंस कंपनियों को भारतीय बाजार में अगले 5 से 6 वर्षों में 90 से 100 अरब डॉलर अवसर मिलेंगे. 2022 में भारत का डिफेंस पर खर्च अमेरिका के खर्च का 10 प्रतिशत और चीन के खर्च का 27 प्रतिशत था.
भारत डिफेंस उपकरणों का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है. विश्व में होने वाले कुल हथियारों के आयात में भारत की हिस्सेदारी 9 प्रतिशत है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि सरकार की ओर से डिफेंस निर्यात पर जोर दिए जाने के कारण वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2030 के बीच डिफेंस उपकरणों का निर्यात 18 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ सकता है.
वित्त वर्ष 2017 से वित्त वर्ष 2024 के बीच भारत का डिफेंस निर्यात 14 गुना बढ़कर 2.6 अरब डॉलर हो गया है.
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एबीएस/केआर