राजनैतिक प्रतिद्वंदिता को किस स्तर तक ले जाने चाहते हैं दिग्विजय सिंह, इस तरह की शब्दावली उचित नहीं : विश्वास सारंग

भोपाल, 7 सितंबर . मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के लिए नपुंसक शब्द का इस्तेमाल किया है, जिसको लेकर सियासी बयानबाजियों का दौर जारी है.

मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने दिग्विजय सिंह के बयान की निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश और देश की राजनीति में हर समय उन्होंने सीमाओं को लांघने का काम किया है. दिग्विजय सिंह दो बार सूबे के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे हैं. मौजूदा समय में कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा के सांसद हैं. क्या इस तरह की शब्दावली राजनीति में उचित है? मुझे आश्चर्य होता है कि वह अपनी राजनैतिक प्रतिद्वंदिता को किस स्तर तक लेकर जाना चाहते हैं? निश्चित रूप से यह शर्मनाक और आपत्तिजनक बयान है.

उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला राज्य और देश के हित में था. पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बहुत अच्छा फैसला लिया. कश्मीर से आतंकवाद को समाप्त करके वहां विकास और जनता के कल्याण के लिए काम किए गए हैं. 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे. भाजपा जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत का परचम लहराएगी.

दरअसल, शनिवार को भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिग्विजय सिंह एक ऐसा बयान दे दिए, जिसके बाद भाजपा उनपर हमलावर हो गई.

मीडिया ने जब उनसे सवाल किया कि भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा आतंकियों से आपके संबंध होने का आरोप लगाया है. इस पर दिग्विजय सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि, “वीडी शर्मा मुझे आतंकियों का हिमायती मानते हैं, तो उनकी नपुंसकता पर मुझे निराशा होती है.”

दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि आरएसएस मुसलमानों को निशाना बना रही है, ठीक उसी तरह से जैसे हिटलर ने यहूदियों को टारगेट किया था. उन्होंने आगे कहा था कि आरएसएस और भाजपा हिंदू-मुस्लिम को अलग करने की रणनीति पर काम कर रही है.

एकेएस/जीकेटी