नई दिल्ली, 7 सितंबर . जैसे-जैसे भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनने की ओर बढ़ रहा है, उद्योग विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि देश को अगले तीन से पांच वर्षों में इस क्षेत्र में 30 अरब डॉलर तक का भारी निवेश प्राप्त हो सकता है, जिससे इसकी स्थिति दुनिया भर में आपूर्ति श्रृंखला में और मजबूत होगी. .
गुरुवार को, महाराष्ट्र सरकार ने कुल 1.17 लाख करोड़ रुपये के निवेश वाली चार प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी है. जिसमें इज़राइल के टॉवर सेमीकंडक्टर और अदानी समूह द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित की जाने वाली सेमीकंडक्टर विनिर्माण परियोजना भी शामिल है.
यह परियोजना रायगढ़ जिले के पनवेल में स्थापित की जाएगी, जिसमें पहले चरण में 58,763 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 25,184 करोड़ रुपये का प्रस्तावित निवेश होगा, जिससे कम से कम 15,000 नौकरियां पैदा होंगी.
साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) के वीपी-इंडस्ट्री रिसर्च ग्रुप, प्रभु राम के अनुसार, सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत के रणनीतिक निवेश का उद्देश्य अपनी घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के भीतर अपनी स्थिति को मजबूत बनाना है.
”उत्पादन क्षमता का विस्तार करके, देश इस क्षेत्र में एक मेजर प्लेयर बनने की ओर अग्रसर है. राम ने को बताया, सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन जैसी राष्ट्रीय पहल वैश्विक बाजार में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करने, नवाचार को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन और तकनीकी उन्नति के माध्यम से आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया सिंगापुर यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग की घोषणा की.
सिंगापुर और भारत अपने सेमीकंडक्टर इको सिस्टम में अपनी बेहतर शक्तियों का लाभ उठाएंगे और सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं में आए बेहतर अवसरों का लाभ उठाएंगे. इसमें इको सिस्टम का विकास, सप्लाई चेन को आसान बनाना और कार्यबल के विकास पर सरकार ध्यान देगी और इसके साथ ही इसके लिए नीतियों के आदान-प्रदान में लचीलापन लाया जाएगा.
पीएम मोदी ने अपने समकक्ष लॉरेंस वोंग के साथ सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एईएम होल्डिंग्स का भी दौरा किया और यहां सहयोग के अवसरों पर चर्चा की.
पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3,300 करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए कायन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है, जो प्रतिदिन लगभग 60 लाख चिप्स का उत्पादन करेगी.
मार्च में पीएम मोदी ने 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी. रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2026 में 64 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो 2019 की तुलना में लगभग तीन गुना ज्यादा हो जाएगा.
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