लंदन, 6 सितम्बर . सर्दी-जुकाम होने पर पानी में नमक घोल कर गरारे करना आम बात है. अब वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि इस घोल की बूंदें नाक में डालने से जुकाम दो दिन पहले ठीक होता है. भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक के नेतृत्व में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है.
हर साल, बच्चों को ऊपरी श्वसन पथ के 10 से 12 संक्रमण हो सकते हैं, जिन्हें आम तौर पर सर्दी के रूप में जाना जाता है, जो बच्चे और उनके परिवार को काफी प्रभावित कर सकता है. ऐसी दवाएं हैं जो लक्षणों को कम कर सकती हैं, जैसे कि इबुप्रोफेन और पैरासिटामोल. लेकिन ऐसी कोई दवा नहीं है जो सर्दी को जल्दी से ठीक कर सके.
ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नमक-पानी के नेजल ड्रॉप बच्चों में सर्दी के लक्षणों की अवधि को कम करने में मदद कर सकते हैं.
रॉयल इंफरमरी ऑफ एडिनबर्ग के कंसल्टेंट वायरोलॉजिस्ट और एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के मानद क्लीनिक सीनियर लेक्चरर डॉ. संदीप रामलिंगम ने कहा, “चूंकि नमक के पानी का घोल आम तौर पर नाक के संक्रमण के इलाज के साथ-साथ गरारे करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इस विचार की प्रेरणा यही थी कि क्या घरेलू इलाज को बड़े पैमाने पर परीक्षण में दोहराया जा सकता है.”
इस पर अध्ययन करने के लिए, शोधकर्ताओं ने छह वर्ष तक की आयु के 407 बच्चों को शामिल किया और पाया कि नाक में नमक-पानी की बूंदें डालने वाले बच्चों में औसतन छह दिन तक जुकाम के लक्षण रहे, जबकि सामान्य देखभाल वाले समूह के बच्चों में यह आठ दिन तक रहा.
बच्चों को बीमारी के दौरान कम दवाइयों की ज़रूरत भी पड़ी. अध्ययन में यह भी पाया गया कि बच्चों को नमक-पानी नेजल ड्रॉप देने से उनके परिवार के सदस्यों को सर्दी लगने की शिकायत कम हुई, 82 प्रतिशत माता-पिता ने कहा कि बच्चे जल्दी ठीक हो गए और 81 प्रतिशत ने कहा कि वे भविष्य में भी इनका इस्तेमाल करेंगे.
शोध से यह भी पता चला कि माता-पिता सुरक्षित रूप से अपने बच्चों को नेजल ड्रॉप बनाकर दे सकते हैं, जिससे उन्हें अपने बच्चों को होने वाली सामान्य सर्दी पर कुछ हद तक नियंत्रण मिल सकता है.
माता-पिता को अपने बच्चों और परिवार पर सर्दी के प्रभाव को सीमित करने का एक सुरक्षित और व्यावहारिक तरीका प्रदान करने से इस सबसे आम बीमारी से जल्द राहत मिलेगी और दवाओं का खर्च भी कम होगा. यह अविश्वसनीय रूप से सस्ता और सरल उपाय है जिसे वैश्विक स्तर पर लागू किया जा सकता है.
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पीएसके/एकेजे