कर्नाटक के मंत्री ने स्वास्थ्य बीमा पर 18 फीसदी जीएसटी पर पुनर्विचार के लिए प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

बेंगलुरु, 6 सितंबर . कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर पुनर्विचार करने की मांग की है. उन्होंने जीएसटी काउंसिल की 9 सितंबर को होने वाली बैठक से पहले यह पत्र लिखा है.

राव ने पत्र में लिखा है, “मैं आपको 9 सितंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत कर पर पुनर्विचार करने के लिए पत्र लिख रहा हूं.”

पत्र में कहा गया है कि यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण, बल्कि विडंबनापूर्ण भी है कि एक सरकार जो यूनिवर्सल इंश्योरेंस के दृष्टिकोण का समर्थन करती है, वह भी इतना ज्यादा कर लगाती है जिससे स्वास्थ्य बीमा पूरी तरह हतोत्साहित होता है.”

उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी 18 प्रतिशत के ब्रैकेट में है, और राजनेताओं तथा नीति निर्माताओं सहित सभी हितधारकों के विरोध के बावजूद 2017 से ऐसा ही है.”

राव ने कहा, “खासतौर से महामारी के बाद की दुनिया में एक आवश्यक सेवा पर इतना अधिक जीएसटी लगाना, कम से कम कहें तो यह कठोर है, और एक कल्याणकारी राज्य को ऐसा नहीं करना चाहिए.”

जीएसटी की उच्च दर सीधे प्रीमियम की लागत को प्रभावित करती है, जिसका अर्थ है कि स्वास्थ्य बीमा अधिक महंगा होगा.

राव ने जोर देकर कहा, “बढ़ती लागत जो उच्च आर्थिक वर्गों के लिए परेशानी की बात नहीं है, लेकिन इसका आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है, जिनके लिए प्रीमियम में मामूली वृद्धि भी इसे उनकी पहुंच से दूर कर देती है.”

मंत्री ने कहा कि उस परिस्थिति में, वे प्रीमियम भरने के लिए किसी अन्य आवश्यक चीजों को त्यागने का विकल्प चुनते हैं, या अक्सर, स्वास्थ्य बीमा लेने से बचते हैं, जो स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति में उनके लिए समस्या पैदा करती है और उन्हें गंभीर वित्तीय संकट में डाल सकती है.

एसएम/एकेजे