गाजियाबाद, 6 सितंबर . गाजियाबाद पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो किराए के मिनी ट्रैवलर में ही बैठकर अलग-अलग लोकेशन पर घूमकर साइबर ठगी करता था. इनका न कोई ऑफिस था और न ही कोई पता. यह गिरोह रोजाना 2,000 रुपए में एक मिनी ट्रैवलर हायर करता था और वारदात को अंजाम देता था.
गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना पुलिस ने एक मिनी ट्रैवलर में छिपकर साइबर ठगी करने वाले तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है. गिरोह टेली कॉलिंग के जरिए क्रेडिट कार्ड धारकों को रिवॉर्ड पॉइंट रिडीम करने का झांसा देता था और उनकी गोपनीय जानकारियां चुराकर फर्जी पोर्टल्स पर इस्तेमाल करता था.
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया है कि पुलिस टीम ने रात में गश्त के दौरान एक गाड़ी की संदेह होने पर तलाशी ली. तलाशी के दौरान तीन आरोपी सुशांत कुमार, सन्नी कश्यप और अमन गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया. तीनों अपराधी गाड़ी में बैठकर क्रेडिट कार्ड धारकों से धोखाधड़ी कर रहे थे. पुलिस ने इनके कब्जे से 13 की-पैड मोबाइल, 7 एंड्रॉइड फोन, 16 सिम कार्ड, 4 चेकबुक और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए हैं.
पुलिस पूछताछ में इन्होंने खुलासा किया कि वे गाड़ी में बैठकर विभिन्न क्षेत्रों में घूमते थे और टेली कॉलिंग के जरिए क्रेडिट कार्ड धारकों को अपने जाल में फंसाते थे. इन शातिर ठगों ने फर्जी वेबसाइट्स और पोर्टल्स तैयार कर रखी थी, जिन पर लोगों को रिवॉर्ड पॉइंट रिडीम करने का लालच देकर अपनी जानकारी भरने के लिए बाध्य करते थे. इस तरह ये लोग क्रेडिट कार्ड धारकों की संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर लेते थे और उसे ठगी के मकसद से इस्तेमाल करते थे.
पुलिस के मुताबिक गिरोह का जाल और भी फैला हुआ है. एक महिला इन अपराधियों को डाटा उपलब्ध कराती थी, जिसमें क्रेडिट कार्ड धारकों के नाम और मोबाइल नंबर दर्ज होते थे. इनके अलावा, कुछ अन्य लोग भी इस गिरोह का हिस्सा हैं, जो दिल्ली और गाजियाबाद के विभिन्न हिस्सों से आपराधिक गतिविधि संचालित कर रहे थे. पुलिस ने अभियुक्तों के पास से कई दस्तावेज भी बरामद किए हैं. इन दस्तावेजों में क्रेडिट कार्ड धारकों के नाम और उनके मोबाइल नंबर दर्ज हैं. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
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पीकेटी/एबीएम