कोलकाता, 6 सितंबर . आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से जुड़े एक डाटा एंट्री ऑपरेटर (डीईओ) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार दोपहर हिरासत में ले लिया. वह संस्थान के पूर्व और विवादास्पद प्रिंसिपल संदीप घोष के निजी सहायक के तौर पर भी काम कर रहा था.
ईडी अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह संस्थान से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के मामले में कई स्थानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया, जिसमें पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सुभाष ग्राम में डीईओ प्रसून चट्टोपाध्याय का आवास भी शामिल था.
चार घंटे की छापेमारी और तलाशी अभियान के बाद ईडी अधिकारियों ने चट्टोपाध्याय को हिरासत में ले लिया. इसके बाद अधिकारी उन्हें एजेंसी के दफ्तर ले गए.
सूत्रों के अनुसार, ईडी अधिकारियों ने चट्टोपाध्याय को कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में विस्तृत पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
अन्य स्थानों पर जहां ईडी के अधिकारी छापेमारी और तलाशी अभियान चला रहे हैं, उनमें घोष, बिप्लब सिन्हा और कौशिक कोले के आवास शामिल हैं. बिप्लब सिन्हा और कौशिक कोले आरजी कर मेडिकल कॉलेज को विभिन्न सामानों की आपूर्ति करने वाले विक्रेता हैं.
इस बीच, सीबीआई द्वारा घोष की गिरफ्तारी के बाद पहली बार पत्रकारों से बात करते हुए उनकी पत्नी संगीता घोष ने दावा किया कि उनके पति निर्दोष हैं. उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है. उन्होंने कहा, “मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि मामले की जांच पूरी होने तक उन्हें विलेन के रूप में पेश न करें.”
ईडी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच कर रही है. कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई की जांच अदालत के निर्देश के बाद शुरू हुई, जबकि ईडी ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की. ईडी ने मामले में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज करने के बाद जांच शुरू की.
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एफजेड/एकेजे