भारतीय युवा विकसित देशों में आर्थिक प्रगति का नेतृत्व करेंगे : ओम बिरला

नई दिल्ली, 5 सितंबर . लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज की तेजी से बदलती दुनिया में शिक्षकों की भूमिका के और भी ज्यादा महत्वपूर्ण होने की बात कहते हुए दावा किया कि भारत के युवा आने वाले समय में विकसित देशों में आर्थिक प्रगति का नेतृत्व करेंगे.

शिक्षक दिवस के अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु का स्थान भारतीय ज्ञान परंपरा में सबसे ऊपर है. गुरू विश्वामित्र, द्रोण, कौटिल्य, कालिदास, महर्षि दयानंद सरस्वती, महात्मा हंसराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, स्वामी विवेकानंद और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसी विभूतियों का स्मरण करते हुए बिरला ने कहा कि इन सब गुरुओं ने हमारे देश को अपने ज्ञान से समृद्ध किया है. ये सब महापुरुष हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा की ज्योति के समान हैं.

सबसे पहले महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सभी गुरुओं को आदरपूर्वक नमन करते हुए बिरला ने कहा कि किसी भी देश के शिक्षण संस्थान देश की दिशा और भविष्य निर्धारित करते हैं. शिक्षक का योगदान सिर्फ शिक्षा देने तक सीमित नहीं होता बल्कि वे हमें शिक्षित करने के साथ-साथ हमारे व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और कौशल को भी तराशते हैं और हमारे जीवन को नया रूप देते हैं. यही कारण है कि हमारे प्राचीन दर्शन में गुरु को मात्र शिक्षा का स्रोत ही नहीं, बल्कि चरित्र, व्यक्तित्व, समाज और राष्ट्र निर्माण का सूत्रधार माना जाता है.

उन्होंने कहा कि हमारा देश सामाजिक-आर्थिक रूप से पूरी तरह बदल गया है और ये बदलाव गुरुओं के कारण संभव हुए हैं. उन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी जिन विद्यार्थियों को शिक्षित किया है, उनकी क्षमता, दक्षता और गुणवत्ता के कारण भारत आज तेजी से आगे बढ़ रहा है. आज की इस तेजी से बदलती दुनिया में शिक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है. हमारे युवाओं को भविष्य की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी शिक्षकों के कंधों पर ही है.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में चौथी औद्योगिक क्रांति होगी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जैव प्रौद्योगिकी और अन्य नए क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति होगी. रिसर्च के इन आधुनिक विषयों में देश को अग्रणी बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी है. शिक्षकों के मार्गदर्शन में ही हमारे युवा न केवल आने वाले बदलावों के अनुसार अपने आप को ढालना सीखेंगे, बल्कि बदलाव की इस क्रांति का नेतृत्व भी करेंगे. वैश्विक स्थिति में हो रहे बदलाव और शिक्षा के क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत के चलते हमारे युवा शीघ्र ही विकसित देशों में आर्थिक प्रगति का नेतृत्व करेंगे. लोकसभा अध्यक्ष बिरला को महात्मा हंसराज पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया.

एसटीपी/एबीएम