चीन में 3 स्थानों को 100 विश्व भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों के दूसरे बैच की सूची में शामिल किया गया

बीजिंग, 4 सितंबर . चीनी विज्ञान अकादमी के नानजिंग भूविज्ञान और जीवाश्म विज्ञान संस्थान के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि हाल ही में दक्षिण कोरिया के बुसान में आयोजित 37वीं अंतर्राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक कांग्रेस में, चीन में तीन भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों को 100 विश्व भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों के दूसरे बैच की सूची में चुना गया था, जिसमें जीवाश्म विज्ञान, भू-आकृति विज्ञान और भूवैज्ञानिक गतिविधि प्रक्रियाओं जैसे क्षेत्र शामिल हैं.

इस बार चुने गए चीन के तीन भूवैज्ञानिक विरासत स्थल हैं: भीतरी मंगोलिया में “प्लांट पोम्पेई – उदा पर्मिअन वनस्पति जीवाश्म उत्पत्ति”, सछ्वान में “ज़िगोंग दाशानफू डायनासोर जीवाश्म समूह साइट”, और गुआंगशी में “क्वेईलिन कार्स्ट”.

भूवैज्ञानिक विरासत स्थल अंतरराष्ट्रीय महत्व के भूवैज्ञानिक अवशेषों और भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के प्रमुख क्षेत्रों को संदर्भित करते हैं. वे दर्शाते हैं कि भूवैज्ञानिक विरासत स्थल का अंतरराष्ट्रीय भूवैज्ञानिक मूल्य सबसे अधिक है और अनुसंधान स्तर और प्रभावी ढंग से संरक्षित किया जाए.

अब तक, चीन में कुल 10 भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों को इस सूची के लिए चुना गया है. 1961 में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय भूविज्ञान संघ दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे आधिकारिक पृथ्वी विज्ञान समूह है, यह यूनेस्को का एक आधिकारिक साझेदारी है और वर्तमान में इसका बहुत बड़ा प्रभाव है. इस संघ में 121 देश और क्षेत्र शामिल हैं, जो दुनिया भर के 10 लाख से अधिक भूवैज्ञानिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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