नई दिल्ली, 3 सितंबर . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और दूरसंचार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें कीं और उन्हें काम में तेजी लाने तथा पहली और दूसरी तिमाही में पिछड़े कामों की तीसरी तिमाही में पूरा करने के निर्देश दिये.
वित्त मंत्री की महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय वाले मंत्रालयों/विभागों के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित करने की योजना है. वित्त मंत्रालय ने बताया कि आज इसकी शुरुआत करते हुए निर्मला सीतारमण ने सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और दूरसंचार मंत्रालय के लिए बजटीय पूंजीगत व्यय पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में दोनों मंत्रालयों के सचिवों के अलावा आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव भी शामिल हुए.
सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए बुनियादी ढांचों के सार्थक निर्माण पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने तिमाही लक्ष्य निर्धारित करने और यह सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया कि उन्हें निर्धारित समय सीमा के भीतर हासिल किया जाए. उन्होंने संबंधित मंत्रालयों को पहली और दूसरी तिमाहियों के लक्ष्यों को तीसरी तिमाही में ही पूरा करने के लिए तेजी लाने का आह्वान किया.
दूरसंचार मंत्रालय के संबंध में समीक्षा के दौरान भारत नेट कार्यक्रम व स्वदेशी तकनीक का उपयोग करने वाली 4जी मोबाइल परियोजनाओं, स्पेक्ट्रम के लिए नेटवर्क, तथा 4जी के विस्तार और अन्य मोबाइल परियोजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय योजनाओं के विवरण पर चर्चा की गई.
दूरसंचार मंत्रालय के सचिव ने वित्त मंत्री को बताया कि पूरी तरह से स्वदेशी 4जी तकनीक की मदद से 30 लाख उपभोक्ताओं के साथ 21,000 4जी मोबाइल टावर चालू हैं. उन्होंने कहा कि सभी लक्ष्य सही दिशा में हैं और समय पर पूरे किए जाएंगे. वित्त वर्ष 2024-25 में संचार मंत्रालय के लिए अनुमानित पूंजीगत बजटीय आवंटन 28,835 करोड़ रुपये है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव ने पिछले 10 साल में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की उल्लेखनीय वृद्धि के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि 2004-2014 की तुलना में 2014-2024 की अवधि में राष्ट्रीय राजमार्गों के औसत वार्षिक निर्माण में लगभग 2.4 गुना वृद्धि हुई है. उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 की शेष अवधि के लिए पूंजीगत योजनाओं के बारे में भी अवगत कराया.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के लिए बजटीय पूंजीगत व्यय आवंटन वित्त वर्ष 2019-20 के 1.42 लाख करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 2024-25 में 2.72 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
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