फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर आईडीएफ की तैनाती इजरायल के लिए रणनीतिक जरूरत : नेतन्याहू

तेल अवीव, 3 सितंबर . इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि गाजा-मिस्र बॉर्डर पर फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) को तैनात रखना देश की सुरक्षा के लिए ‘रणनीतिक जरूरत’ और अनिवार्य है.

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा कि 14 किमी लंबी ये जमीन की पट्टी इजरायल के लिए अपने युद्ध उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जरूरी है.

उन्होंने कहा कि फिलाडेल्फी कॉरिडोर हमास को हथियार मुहैया कराने का एक मुख्य रास्ता है. 2005 के विघटन के बाद इजरायल ने मिस्र के साथ एक सीमा को छोड़कर गाजा की सभी सीमाओं को नियंत्रित किया. इसी सीमा के माध्यम से हथियार गाजा पट्टी तक पहुंचे और हमास के लोगों को हथियार दिए गए.

नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल को यह सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र पर नियंत्रण रखना चाहिए कि हथियारों की तस्करी न हो.

नेतन्याहू ने यह भी कहा कि हमास को वीकेंड में गाजा सुरंग में छह बंधकों की कथित हत्या के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

नेतन्याहू ने कहा, “इजरायल इस नरसंहार को नजरअंदाज नहीं करेगा. हमास को इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.”

आईडीएफ ने रविवार को कहा था कि दक्षिणी गाजा के राफा क्षेत्र में एक अंडरग्राउंड सुरंग में शनिवार को दो महिलाओं और चार पुरुषों के शव मिले थे.

आईडीएफ के अनुसार, बंधकों की हत्या इजरायली सैनिकों के पहुंचने से 48-72 घंटे पहले हमास आतंकवादियों ने की थी.

इस बीच, हमास ने एक प्रेस बयान में साफ किया कि शव इजरायली सेना को राफा में एक सुरंग में मिले थे. उन्होंने यह भी कहा कि वे इजरायली गोलाबारी में मारे गए.

इजरायल में रविवार और सोमवार को लाखों इजरायली लोगों ने रैली निकाली. उन्होंने मांग की कि नेतन्याहू गाजा में बंधकों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए हमास के साथ युद्ध विराम पर बातचीत करें.

बता दें कि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर अचानक हमला किया था. हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए थे और लगभग 250 अन्य को बंधक बना लिया गया था. इसके बाद से ही इजरायल की सेना हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला कर रही है.

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