तेलुगू फिल्मों का सुपरस्टार ‘पवन कल्‍याण’, जानें कैसे बना आंध्र की सियासत का नया किरदार?

नई दिल्ली, 2 सितंबर . एक्टिंग की दुनिया से सियासत के रंगमंच पर दमदार मौजूदगी दर्ज कराने वाले पवन कल्याण इस साल के सबसे पॉपुलर और सुपरहिट पॉलिटिकल किरदार बनकर उभरे है. उनका सियासी कद तब और बढ़ गया, जब आंध्र प्रदेश में एनडीए की अप्रत्याशित जीत के बाद पीएम मोदी ने उन्हें “ये पवन नहीं आंधी हैं” कहा था.

साउथ फिल्म इंडस्ट्री के बादशाह पवन कल्‍याण का असली नाम कोनिडेला कल्याण बाबू हैं. वो टॉलीवुड के नाम से मशहूर तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री के मेगा परिवार से वास्ता रखते हैं. सुपरस्टार चिरंजीवी के छोटे भाई हैं.

अभिनय के क्षेत्र में नाम और शोहरत कमाने के बाद पवन कल्याण ने अपने बड़े भाई चिरंजीवी के साथ अपने सियासी सफर की शुरूआत की थी, जिन्होंने 2008 में प्रजा राज्यम पार्टी की स्थापना की थी. लेकिन 2009 के चुनावों में पार्टी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई और 2011 में प्रजा राज्यम पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया. जिसके बाद पवन कल्‍याण ने सियासत की मुख्याधारा से खुद को अलग कर लिया.

सियासी दुनिया के अलग होने के बाद भी पवन कल्याण आंध्र प्रदेश की सियासत में अपने लिए राजनीति संभावनाओं की तलाश में जुटे रहे.

साल 2014 में पवन कल्याण ने जनसेना पार्टी की स्थापना की लेकिन चुनावी समर में किस्मत नहीं आजमाई. उस दौराम उन्होंने टीडीपी और बीजेपी का समर्थन दिया था. वहीं 2019 के चुनाव में उन्होंने अकेले दम पर चुनाव लड़ा लेकिन कोई खास कमाल करने में विफल रहे.

सियासी करियर में तमाम उतार चढ़ाव को पार करते हुए पवन कल्‍याण ने 2024 के विधानसभा चुनाव में बुलंदी का झंडा गाड़ दिया. लोकसभा विधानसभा चुनावों में उन्होंने एनडीए के पक्ष में आंध्र प्रदेश में सुनामी ला दी. उनकी पार्टी ने टीडीपी और बीजेपी से गठबंधन करते हुए 21 विधानसभा सीटों पर जीत का परचम लहराया. नतीजतन उन्हें आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम की कमान सौंपी गई.

खास बात यह है कि विधानसभा के साथ लोकसभा में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा ली है. 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी के दो सांसद जीत कर देश की सबसे बड़ी पंचायत में पंहुच चुके है. ऐसे में100 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ पवन कल्याण ने देश की सियासत में एक नया इतिहास रचने का काम किया है.

करीब दो दशक तक फिल्मी दुनिया में सक्रिय रहने वाले पवन कल्याण तेलुगू सिनेमा के सबसे चमकदार सितारों में से एक हैं, जिनकी दीवानगी दक्षिण भारतीय फ़िल्म जगत में रजनीकांत के बराबर मानी जाती है. उन्होंने साल 1996 में ‘अक्कड़ अम्माई लक्कड़’ से अपना डेब्यू किया था. ‘ठोली प्रेमा’ के लिए उन्हें 1998 में राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था. 2013 में फोर्ब्स इंडिया ने 100 प्रमुख सेलिब्रिटी की लिस्ट निकाली. इन सौम में पवन कल्‍याण भी शामिल थे.

एकेएस/केआर