सेहत का राज किचन में, इन नायाब मसालों से भोजन भी बनता है लजीज

नई दिल्ली, 1 सितंबर . भारतीय व्यंजनों को बनाने में इस्तेमाल होने वाले मसालों से भोजन का जायका बदल जाता है. मसाले स्वाद के साथ स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भी भरपूर होते हैं.

किचन में रखे गए मसाले पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद होने के साथ सेहत के लिए लाभकारी हो सकते हैं. ऐसे में आज हम बताने वाले है कि कौन-कौन से मसाले खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं.

हींग पसंदीदा मसालों में से एक है. हींग के साथ खाना बनाने से खाने की सुगंध अपने आप में बढ़ जाती है. जिससे खाने का जायका बदल जाता है. वहीं साथ ही एसिडिटी और पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए हींग रामबाण साबित होता है. अपच, एसिडिटी और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए हींग रामबाण साबित होता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो इलाज के लिए काफी खतरनाक होते हैं. कोई रेसिपी बनाते समय हींग अपने फ्राइंग पैन में तब डालना चाहिए जब तेल गर्म हो.

रेसिपी बनाते समय लहसुन की कलियां खाने का स्वाद बदल देती है. लहसुन अपने हल्के तीखे स्वाद और सुगंध की वजह से व्यंजनों को चटपटा और लजीज बना देता है. लहसुन स्वाद बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. इसके साथ प्याज भी रेसिपी को क्रिस्पी बना देता है.

काली मिर्च का स्वाद तो आप सभी जानते ही होंगे. श्वास नली में इन्फेक्शन में यह फायदेमंद साबित हो सकता है. भुनी हुई सब्जियों, ग्रिल्ड मीट या तले हुए अंडों पर इसे छिड़ककर स्वाद को भी बढ़ाया जा सकता है. साथ ही सूप, सॉस में काली मिर्च का इस्तेमाल किया जा सकता है.

ऐसे ही अन्य मसाले हैं जैसे जीरा, तेजपत्ता, जावित्री आदि. जीरा से भी भारतीय व्यंजन का स्वाद बदल जाता है.

तेजपत्ता के पत्तों को आम तौर पर सरसों के बीज, जीरा, इलायची के दाने और अन्य तलने वाले मसालों के साथ पकवान की शुरुआत में डाला जाता है और हल्का भूरा होने तक पकाया जाता है. जिससे रेसिपी चटपटा बन जाती है.

जावित्री ऐसा मसाला है जिसमें कस्तूरी जैसा स्वाद होता है. जावित्री का पत्ता तीखा स्वाद देने के लिए पर्याप्त होता है. वहीं पिसी हुई लाल मिर्च मसाला भोजन के तीखेपन को बढ़ा देती है.

एकेएस/एएस