मणिपुर के मुख्यमंत्री के खिलाफ एक्शन की मांग, जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन

नई दिल्ली, 31 अगस्त . दिल्ली के जंतर-मंतर पर कुकी स्टूडेंट्स संगठन के तत्वावधान में शनिवार को जोरदार धरना प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन में दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले कुकी समुदाय के लोग भी जुटे. सभी प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थी, जिसमें मणिपुर के मुख्यमंत्री की फोटो छपी हुई थी.

एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि मणिपुर में क्या हालात हैं, यह किसी से छुपा नहीं है. वहां बीते 16 महीने से कुकी और मैतई के बीच हिंसा हो रही है. हमारे जो मुख्यमंत्री हैं एन बीरेन सिंह, उनका एक वीडियो टेप वायरल हुआ है, उसके खिलाफ सरकार एक्शन ले.

उन्होंने कहा कि हम अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन देंगे. बीरेन सिंह ने दिनदहाड़े बोला है कि जो हिंसा हुई वह उन्होंने कराया है. वीडियो लीक हो चुका है, सरकार के सामने भी सबूत है. देश के कानून का उल्लंघन किया गया है. भाजपा के नाम पर वह कलंक हैं. वह एक गलत इंसान हैं और उन्हें दंड देना चाहिए.

सीएम बीरेन सिंह सिर्फ कुकी समुदाय के नहीं है, वह सभी समुदाय के सीएम हैं. हमने उन्हें वोट देकर मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन, इस हिंसा में उन्होंने मैतई समुदाय का साथ देकर यह साफ कर दिया है कि वह मैतई समुदाय के मुख्यमंत्री हैं.

हमारे साथ बीते 16 महीने में कई अत्याचार हुए. हमारे समुदाय की महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया, मारा गया.

प्रदर्शनकारी ने कहा कि, हम मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का इस्तीफा नहीं चाहते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि उन पर कार्रवाई हो. साथ ही कुकी समुदाय ने केंद्र सरकार के सामने अपनी कुछ डिमांड भी रख दी. जिसमें समानांतर प्रशासन बनाने की मांग भी रखी गई है.

प्रधानमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में कहा गया है कि हाल ही में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से जुड़े गोपनीय ऑडियो टेप के लीक होने से कई गंभीर चिंताएं सामने आई हैं. टेप की सामग्री ने काफी अशांति फैला दी है. आज तक 176 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, 4550 से अधिक घर जला दिए गए हैं और तोड़फोड़ की गई है, 257 से अधिक बस्तियां नष्ट हो गई हैं और 45,000 से अधिक लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए हैं.

लीक हुए टेप राज्य में चल रहे संघर्ष में राज्य सरकार की भागीदारी की प्रकृति को उजागर करते हैं, स्वयं मुख्यमंत्री की भूमिका, राज्य सरकार के प्रमुख व्यक्ति, मैतेई समूहों और मैतेई समाज के बड़े वर्गों को कट्टरपंथी बनाना. इनमें उन दो पीड़ित महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां भी हैं, जिनके साथ बलात्कार किया गया और उन्हें नग्न घुमाया गया.

डीकेएम/जीकेटी