लाओस में साइबर घोटाला केंद्रों में फंसे 47 भारतीयों को बचाया

लाओस, 31 अगस्त . लाओस स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को घोषणा किया कि उसने बोकेओ प्रांत के गोल्डन ट्राएंगल स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) में स्थित साइबर घोटाला केंद्रों में फंसे 47 भारतीय नागरिकों को बचा लिया है.

दूतावास ने बताया कि एसईजेड में अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई के बाद लाओस के अधिकारियों ने 29 लोगों को सौंप दिया. वहीं 18 लोगों ने सहायता के लिए सीधे दूतावास से संपर्क किया है.

एक्स पर एक पोस्ट में, दूतावास ने बताया कि उसके अधिकारी राजधानी विएंतियाने से बोकेओ गए, जहां उन्होंने बचाव कार्य को सुविधाजनक बनाने के लिए स्थानीय अधिकारियों का साथ ल‍िया. बचाए गए व्यक्तियों को फिर विएंतियाने वापस ले जाया गया, जहां उनके रहने की व्यवस्था की गई.

लाओस में भारतीय राजदूत प्रशांत अग्रवाल ने विएंतियाने पहुंचने पर बचाए गए समूह से मुलाकात की और उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए अगले कदमों की रूपरेखा तैयार की.

दूतावास ने इन लोगों के स्वदेश वापसी के लिए लाओस अधिकारियों के साथ सभी आवश्यक प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को पूरा कर लिया है. अब तक, 30 व्यक्ति या तो भारत लौट आए हैं या अपने घर वापस जाने वाले हैं, जबकि 17 प्रतीक्षा कर रहे हैं.

राजदूत अग्रवाल ने दोहराया कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना दूतावास की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा सहायता के सभी अनुरोधों पर तुरंत ध्यान दिया गया है.

दूतावास ने लाओस के अधिकारियों के प्रति उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया. उनसे भारतीय नागरिकों को इस तरह के घोटाले में फंसाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया.

अब तक, 635 भारतीयों को लाओस में ऐसी ही स्थितियों से बचाया गया है और वे सुरक्षित भारत लौट आए हैं.

दूतावास ने लाओस में नौकरी की पेशकश पर विचार कर रहे भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने और धोखाधड़ी वाली योजनाओं का शिकार होने से बचने की सलाह देते हुए कई चेतावनियां जारी की हैं.

इस महीने की शुरुआत में, दूतावास ने लाओस में ऐसे ही साइबर-घोटाले केंद्रों से 14 भारतीय नागरिकों को बचाया था.

वहीं मई में ओडिशा के सात श्रमिकों सहित 13 भारतीयों को बचाया गया और वापस लाया गया.

एकेएस/