नई दिल्ली, 31 अगस्त . कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के माफी मांगने को लेकर कहा कि पीएम ने इसका अनावरण किया था. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मूर्ति इतनी घटिया क्यों बनाई गई?
कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “प्रधानमंत्री की ना ही नींव दुरस्त है और ना ही नीयत. यह दुखद है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस मूर्ति का अनावरण किया, उसमें भ्रष्टाचार हुआ. इस वजह से वह ढह गई.”
उन्होंने प्रधानमंत्री के माफी मांगने पर कहा, “आखिर आप माफी मांग किससे रहे हैं? क्या उनके समर्थकों से? लेकिन, शायद आपको यह नहीं पता है कि शिवाजी को कट्टर समर्थक अगर कोई था, तो वो बाल ठाकरे थे. आपने उनके परिवार के दो टुकड़े कर दिए. प्रधानमंत्री तो हमेशा से यही करते आए हैं, इससे स्पष्ट है कि ना ही उनकी नींव दुरुस्त है और ना ही नीयत. मूर्ति ढहने के लिए जितना ज्यादा आपका मुख्यमंत्री जिम्मेदार है, उससे कहीं ज्यादा आप.”
बता दें कि 30 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्धाटन करते वक्त सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने के मामले में माफी मांगी थी. उन्होंने कहा था, “मैं आज सिर झुकाकर अपने आराध्य देव शिवाजी महाराज से माफी मांगता हूं. उनके चरणों में सिर झुकाकर माफी मांगता हूं. हमारे संस्कार अलग हैं. हम वे लोग नहीं हैं, जो महान वीर सपूत वीर सावरकर को गाली देते हैं. इस घटना से शिवाजी को आराध्य देव मानने वाले लोगों के दिलों पर चोट पहुंची है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, “छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं. वे हमारे लिए आराध्य देव हैं. पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, उसके लिए मैं हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं.”
उन्होंने बताया कि भाजपा ने पहली बार जब उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया था, तो उन्होंने सबसे पहली बार रायगढ़ आकर शिवाजी महाराज की समाधि पर प्रार्थना की थी.
बता दें कि बीते दिनों महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में शिवाजी महाराज की मूर्ति ढह गई. पिछले साल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस पर इसका अनावरण किया था. मूर्ति ढहने के बाद नौ सेना ने कहा था कि हम इसकी जांच कराएंगे और जहां कहीं भी चूक पाई जाएगी, तो उसे दुरुस्त करने के लिए कदम उठाएंंगे.
उधर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि मूर्ति का निर्माण नौसेना की ओर से कराया गया था. मुझे इस संबंध में जिलाधिकारी से जानकारी मिली है. हम इसकी जांच कराएंगे और जहां कहीं भी चूक मिलेगी, उसे दुरुस्त करने की दिशा में कदम उठाएंगे, लेकिन इन सबके बावजूद विपक्ष का हमला जारी रहा. शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने के बाद विपक्ष ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने कहा था कि इसे बनाने में घटिया मटेरियल का इस्तेमाल किया गया. उधर, विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफे की भी मांग की. इसके बाद, राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए समिति का भी गठन किया. समिति मामले की जांच कर रही है.
हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने बयान जारी कर कहा था कि तेज हवाओं की वजह से शिवाजी महाराज की मूर्ति ध्वस्त हुई है, लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि इसमें भ्रष्टाचार किया गया है, इसी के चलते यह घटना हुई. इसे लेकर राज्य के लोगों में भी आक्रोश देखने को मिला. लोगों ने पीएम मोदी को काले झंडे भी दिखाए.
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एसएचके/