टाइपकास्ट होने की फिक्र नहीं, मिलते हैं अवसर: सारा खान

मुंबई, 31 अगस्त . अभिनेत्री सारा खान को लगता है कि अब अभिनेताओं को केवल उनके पर्दे पर निभाए किरदारों के आधार पर आंका नहीं जाता है. सोशल मीडिया ने पूर्वाग्रह बदला है. टीवी एक्टर मानती हैं कि उन्हें टाइपकास्ट होने की भी चिंता नहीं है.

सारा, इन दिनों छठी मैया की बिटिया में दिख रही हैं.

अपने नए किरदार को लेकर उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि लोग अब अभिनेताओं को केवल उनकी स्क्रीन पर निभाई भूमिकाओं के आधार पर आंकते हैं. सोशल मीडिया अब इतना प्रचलित है कि लोग अभिनेताओं के बारे में उनकी प्रोफाइल के माध्यम से जान सकते हैं और देख सकते हैं कि वे वास्तव में अपने पात्रों से परे कैसे दिखते हैं? इसलिए, मैं टाइपकास्ट होने को लेकर फिक्रमंद नहीं हूं क्योंकि इससे लोगों को हमें बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है और करियर में नए अवसर भी मिलते हैं.”

अभिनेत्री ने कहा कि यह कई साल पहले की बात है, जब अभिनेता टाइपकास्ट होने की चिंता करते थे.

उन्होंने कहा, “लेकिन अब यह चिंता का विषय नहीं है. सोशल मीडिया दर्शकों और निर्माताओं को अभिनेताओं की भूमिकाओं से परे उनकी प्रतिभा को देखने का मौका देता है, जिससे हमें अन्य कौशल दिखाने और पिछले किरदारों के आधार पर किसी भी पूर्वाग्रह को बदलने का मौका मिलता है.”

सारा ‘छठी मैया की बिटिया’ में देवी की भूमिका निभाती हैं, ये सन नियो पर प्रसारित होता है.

शो के बारे में सारा ने कहा, “जब भी मैं कोई किरदार निभाती हूं, तो मैं सुनिश्चित करने की कोशिश करती हूं कि वह किरदार कितना महत्वपूर्ण है. किसी भूमिका को निभाने के लिए एक अभिनेता के लिए यह जानना जरूरी होता है कि उसे क्या एक्सपोजर मिलेगा. जब मैंने देखा कि किरदार के कई रंग है तो लगा इसमें संभावनाएं अपार हैं.”

सारा ने 2007 में टीवी धारावाहिकों के जरिए मनोरंजन जगत में कदम रखा. शो “सपना बाबुल का…बिदाई” से डेब्यू किया. इसके बाद उन्हें शो “प्रीत से बांधी ये डोरी राम मिलाई जोड़ी” में देखा गया, जहां उन्होंने प्रियल गोर की जगह ली.

2013 में “जुनून-ऐसी नफरत तो कैसा इश्क” में दिखीं.

सारा ने “ससुराल सिमर का,” “वी द सीरियल,” “प्यार तूने क्या किया,” “एनकाउंटर,” “तुझसे”, “हाय राब्ता”, “भाग्यलक्ष्मी”, “सौभाग्यलक्ष्मी” और “जाना ना दिल से दूर” जैसे शो में भी अहम भूमिकाएं निभाईं.

एकेएस/केआर