पेरिस पैरालंपिक : मेडल जीतकर प्रीति पाल ने कहा- यकीन नहीं हुआ, सुमित की मां भी हुईं भावुक

पेरिस, 30 अगस्त . पेरिस पैरालंपिक में भारतीय पैरालंपिक शूटर मनीष नरवाल ने शुक्रवार को पुरुषों के 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 फाइनल में रजत पदक जीतने के बाद अपने परिजनों से बात की. इसके अलावा एथलेटिक्स में भारत की प्रीति पाल ने भी ब्रॉन्ज मेडल जीता. प्रीति ने कहा कि उन्हें अपने पहले ही पैरालंपिक में मेडल जीतने पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं हो रहा है.

सुमित ने अपने परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की. उनके अंकल ने उनको मेडल के लिए बहुत-बहुत बधाई दी. सुमित के लिए भावुक पल तब आया जब उनकी मां वीडियो पर आईं. मां बेटी के मेडल आने की खुशी में रो रही थीं. उन्होंने बेटे के हालचाल पूछे लेकिन मां को रोता देख सुमित अधिक बात नहीं कर सके. उन्होंने कहा, मैं ठीक हूं, लेकिन आप बस रोना मत. इसके बाद सुमित भी भावुक हो गए.

सुमित ने कुल 234.9 अंक हासिल किए थे और कोरिया के जोंगडू जो को कड़ी टक्कर दी, जिन्होंने कुल 237.4 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता. मनीष ने 2020 के टोक्यो पैरालंपिक खेलों में मिश्रित एसएच1 50 मीटर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता था.

इसके अलावा भारत को एक मेडल एथलेटिक्स में भी मिला. भारत की प्रीति पाल ने 14.21 के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ ट्रैक इवेंट में पदक जीता. वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय पैरा एथलीट बन गईं. 23 साल की प्रीति ने कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. उन्होंने 100 मीटर दौड़ में भाग लिया था.

प्रीति पाल ने कहा, “मुझे अभी तक मेडल आने पर यकीन नहीं हो रहा है. यह मेरा पहला पैरालंपिक था और मुझे इस पर बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा है. यह महिला एथलेटिक्स में पहला मेडल है. मैं इसके लिए सभी के सहयोग का धन्यवाद देती हूं. खासकर मेरे कोच, मेरे साथी और अपने परिवार को विशेष धन्यवाद देना चाहती हूं. मेरे परिजनों ने मेरे हौसला बनाए रखा.”

ज्ञात हो कि, पैरालंपिक खेलों में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन टोक्यो 2020 में आया था. तब भारत ने 19 मेडल जीते थे.

एएस